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राष्ट्रीय गोकुल मिशन की भूमिका पशुपालन और डेयरी विभाग स्वदेशी गोजातीय नस्लों के विकास और संरक्षण...

रिपोर्ट-न्यूज़ एजेंसी

दिल्ली : पशुपालन और डेयरी विभाग स्वदेशी गोजातीय नस्लों के विकास और संरक्षण, गोजातीय आबादी के आनुवंशिक उन्नयन और दूध उत्पादन और गोजातीय उत्पादकता में वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करते हुए राष्ट्रीय गोकुल मिशन कार्यान्वित कर रहा है, जिससे दूध उत्पादन किसानों के लिए अधिक लाभकारी हो जाएगा, यह योजना 2400 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ 2021-22 से 2025-26 तक विभाग की संशोधित और पुनर्गठित योजनाओं के तहत जारी है, पिछले 9 वर्षों में दूध उत्पादन 57.6 प्रतिशत बढ़कर 2013-14 के दौरान 146.3 मिलियन टन से बढ़कर 2022-23 के दौरान 230.60 मिलियन मीट्रिक टन हो गया है, पिछले 9 वर्षों में दूध उत्पादन 5.9 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ रहा है। पिछले 9 वर्षों के दौरान मवेशियों और भैंसों की औसत उत्पादकता 24.3 प्रतिशत बढ़कर 2013-14 के दौरान 1648.17 किलोग्राम प्रति पशु प्रति वर्ष से बढ़कर 2021-22 में 2048 किलोग्राम प्रति पशु प्रति वर्ष हो गई है, जो विश्व में सबसे अधिक उत्पादकता वृद्धि दर है, राष्ट्रीय लेखा सांख्यिकी एनएएस 2023 के अनुमान के अनुसार दूध के उत्पादन का मूल्य 9.95 लाख करोड़ रुपये 2021-22 से अधिक है जो कृषि उपज का उच्चतम है और धान और गेहूं के संयुक्त मूल्य से भी अधिक है, चालू वित्तीय वर्ष के दौरान राष्ट्रीय गोकुल मिशन के तहत उपलब्ध बजट आवंटन में 44.92 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, योजना के तहत उपलब्ध आवंटन और किया गया व्यय निम्नलिखित तालिका में दिया गया है, यह जानकारी केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री श्री परषोत्तम रूपाला ने कल लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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