रिपोर्ट- ईश्वर दीन साहू
कौशाम्बी : प्रभारी परियोजना निदेशक/उपायुक्त मनरेगा श्री मनोज कुमार वर्मा की अध्यक्षता में उदयन सभागार में भू-जल सप्ताह गोष्ठी का आयोजन किया गया तथा भू-जल सप्ताह की आवश्यकता/महत्ता पर विस्तृत प्रकाश डाला गया। गोष्ठी में सहायक अभियंता, लघु सिंचाई संजय कुमार जायसवाल ने बताया कि दिनांक 16 जुलाई से 22 जुलाई, 2024 तक भूजल सप्ताह प्रभावी ढंग से मनाये जाने का निर्णय शासन द्वारा लिया गया हैं। इसके अन्तर्गत मुख्य विचार बिन्दु ’जल संरक्षण का करो प्रयास-जल ही है जीवन की आस पर ध्यान केन्द्रित किया गया है। हाईड्रोलाजिस्ट, भूगर्भ जल विभाग, प्रयागराज/कौशाम्बी अर्चना सिंह ने बताया कि जनपद कौशाम्बी के 08 विकास खण्डों में से 02 विकास खण्ड-चायल एवं मूरतगंज अतिदोहित श्रेणी में हैं। प्रदेश में मानसून काल वर्षा का सीजन 04 माह का होता है, जो माह जुलाई, अगस्त, सितम्बर एवं अक्टूबर तक माना जाता है, परन्तु यहाँ देखने में आ रहा है कि प्रत्येक वर्ष वार्षिक वर्षा का रिकार्ड दिनों-दिन घटता ही जा रहा है। वर्तमान स्थिति इतनी भयावह है कि इस पर विचार करना नितान्त आवश्यक है। कृषि वैज्ञानिक डॉ0 नवीन कुमार शर्मा ने कहा कि भूगर्भ जल का पुर्नभरण या रिचार्ज कैसे किया जाय, यह गहन विचारणीय प्रश्न है। आज औद्योगीकरण एवं शहरी विकास के कारण एवं कंक्रीटों से भूमि आच्छादित कर दिये जाने के कारण भूजल पुर्नभरण या रिचार्ज बहुत प्रभावित हुआ है एवं प्राकृतिक रूप से पुर्नभरण कार्य पूर्णतः बन्द होने के कगार पर है, ऐसी स्थिति में प्रत्येक विद्यालय या शासकीय भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग का निर्माण निश्चित रूप से किया जाय एवं जनपद की नदियों/नालों में चेकडैम/बन्धों का निर्माण, पुराने तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कराकर वर्षा जल संचयन की व्यवस्था कराकर एवं भूजल की महत्ता के सम्बन्ध में जन जागरूकता अभियान चलाकर खेत का पानी खेत में अधिक से अधिक दिनों तक रोकने के लिए कार्यकम किये जाय। गोष्ठी में वर्षा जल संचयन कैसे करें, जल की समस्या के समाधान के लिए सुझाव, शहरों में कैसे हो भूगर्भ जल का नियोजन, रोजमर्रा के घरेलू कार्यों में जल बचत, किसान किस प्रकार कर सकतें हैं जल की बचत, उद्योगों/व्यवसायिक क्षेत्रों में जल बचत के टिप्स तथा ग्रामीणों क्षेत्रों में वर्षा जल संचयन की उपयुक्त तकनीकें-तालाब/जलाशय का निर्माण/जीर्णोद्वार, गली/नाला प्लगिंग, रिचार्ज कूप एवं फालतू जल के रिचार्ज पिट पर विस्तृत प्रकाश डाला गया। इसके साथ ही भूगर्भ जल रिचार्ज के लाभ के विषय में भी जानकारी दी गई। गोष्ठी में उप कृषि निदेशक श्री सतेन्द्र कुमार तिवारी, जिला विद्यालय निरीक्षक श्री सच्चिदानन्द यादव, जिला बेसिक शिक्षाधिकारी श्री कमलेन्द्र कुमार कुशवाहा एवं प्रभारी जिला विकास अधिकारी/उपायुक्त एनआरएलएम श्री सुखराज बन्धु ने जल की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए जल संचयन पर विशेष बल दिया। प्रभारी परियोजना निदेशक ने उपस्थित सभी अधिकारियों/कर्मचारियों एवं गणमान्य व्यक्तियों को जल शपथ दिलाई कि- मैं पानी बचाने और उसके विवेकपूर्ण उपयोग की शपथ लेता हॅू। मैं यह भी शपथ लेता हॅू कि मैं जल का समुचित उपयोग करूॅगा तथा पानी की हर एक बूंद का संचयन करूॅगा और कैच द रेन अभियान को बढ़ावा देने में पूरा सहयोग दूंगा। मैं पानी को एक अनमोल सम्पदा मानूॅगा और ऐसे मानते हुए ही इसका उपयोग करूॅगा। मैं शपथ लेता हॅं कि मैं अपने परिवारजनों, मित्रों और पड़ोसियों को भी इसके विवेकपूर्ण उपयोग और उसे व्यर्थ नहीं करने के लिए प्रेरित करूॅगा। यह ग्रह हमारा है और हम ही इसे बचा सकतें हैं, और अपना भविष्य सुरक्षित कर सकतें हैं।
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