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लोगों के साथ अब बच्चों की स्क्रीनिंग कर रही आरबीएसके टीम, कुपोषित बच्चों को एनआरसी में कराएगी भर्ती, सीएमओ ने पत्र जारी कर दिए निर्देश...

ब्यूरो रिपोर्ट-जतन सिंह


महोबा : जनपद में 24 जून 2020 को वैश्विक महामारी कोविड-19 के बाद स्कूल व आंगनबाड़ी केंद्र बंद होने की वजह से कुपोषित बच्चों की पहचान और इलाज नहीं हो पा रहा था लेकिन अब राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम आरबीएसके की टीम गांवों में लोगों की स्क्रीनिंग करने के साथ कुपोषित बच्चों को चिन्हित कर रही है कुपोषित बच्चों को पोषण पुर्नवास केंद्र एनआरसी में भर्ती कराया जाएगा, कोरोना संक्रमण फैलने के बाद जिंदगी अस्त व्यस्त हो गई । स्वास्थ्य सेवाओं सहित सभी गतिविधियों पर रोक लगा दी गई, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र बंद हो गए, जिससे आरबीएसके के तहत बच्चों के लिए चल रही 4 डी, कुपोषित बच्चों को आवश्यकतानुसार इलाज व एनआरसी में भर्ती कराने का काम बाधित था लेकिन अब धीरे-धीरे सेवाएं पटरी पर लौट रही हैं, शासन के निर्देश पर मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर सुमन ने सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षकों, आरबीएसके के डीईआईसी मैनेजर को पत्र भेजा है कहा है कि कोरोना योद्धा के तौर पर आरबीएसके टीम सदस्य गृह भ्रमण कर लोगों की स्क्रीनिंग कर रहे हैं इस दौरान टीम सदस्यों को बच्चों की स्क्रीनिंग भी करनी होगी, 4 डी, सैम बच्चा मिलने पर अविलंब उपचारित कराया जाएगा, डीईआइसी मैनेजर डॉक्टर अंबुज गुप्ता ने बताया कि जनपद के चारों ब्लाकों में आरबीएसके की आठ टीमें कार्यरत हैं सीएमओ के निर्देश पर टीम सदस्यों ने घर-घर जाकर बच्चों की स्क्रीनिंग का काम भी शुरू कर दिया है। अभी आरबीएसके की जैतपुर टीम ने क्लिप फुट बच्चे को चिन्हित किया है। जल्द ही इसे उपचार के लिए भेजा जाएगा। कुपोषित बच्चे मिलने पर उन्हें उपचार के लिए एनआरसी में भर्ती कराया जाएगा, 4 डी श्रेणी में यह बीमारिया हैं शामिल बच्चों की सभी तीस प्रकार की बीमारियों को चार मूल श्रेणियों में बांटा गया है इन श्रेणियों को 4 डी का नाम दिया गया है, इस 4-डी में पहला डिफिसिएंसीज यानी पोषाहार में कमी की वजह से होने वाली बीमारियां, दूसरा डिज़ीज़ यानी बच्चों की सामान्य बीमारियां, तीसरा डिफेक्ट यानी जन्मजात विकृतियों से उत्पन्न रोग एवं चैथा डेवलपमेंटल डिज़ीज़ यानी विकास में कमी से उत्पन्न रोग शामिल है डीईआईसी मैनेजर ने बताया कि आरबीएसके में शून्य से 18 वर्ष तक के सभी बच्चों की बीमारियों का समुचित इलाज किया जाता है ।

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