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अल्जाइमर पीड़ित को रोजमर्रा के कामों में होती है परेशानी, सिर्फ बुढापे में ही नहीं, बल्कि 30 की उम्र में भी हो सकता है डिमेंशिया- डीएम...

ब्यूरो रिपोर्ट-जतन सिंह


महोबा : जनपद में 21 सितंबर 2020 को गाड़ी की चाबी रखकर भूल जाना, दुकान पर हेलमेट छोड़ देना, कहीं बाहर घूमने जाएं तो सामान भूल जाना या फिर नाम भूल जाना, रास्ते याद न होना जैसी दिक्कतें ‘अल्जाइमर’ की वजह से होती हैं, इससे पीड़ित व्यक्ति को रोजमर्रा के कामकाज में परेशानी होती है। यह बातें जिलाधिकारी सत्येंद्र कुमार ने विश्व अल्जाइमर दिवस पर सोमवार को शहर के खोया मंडी स्थित वृद्धाश्रम ओल्ड एज होम में आयोजित जागरूकता व चिकित्सा शिविर में कहीं, उन्होंने कहा कि लाखों लोग हर साल इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं, इस वजह से अल्जाइमर पीड़ित लोगों के प्रति एकजुटता व्यक्त करने के लिए पूरी दुनिया में विश्व अल्जाइमर दिवस मनाया जाता है, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर मनोज कांत सिन्हा ने कहा कि अल्जाइमर्स रोग में मस्तिष्क की कोशिकाएं खुद बनती और खत्म होने लगती है, जिससे याददाश्त और मानसिक कार्यों में परिवर्तन देखने को मिलते हैं, साइक्रट्रिस सोशल वर्कर प्रेमदास ने बताया कि डिमेंशिया सिर्फ बुढापे में ही नहीं, बल्कि 30, 40 या 50 साल की उम्र में भी हो सकता है, जिला अस्पताल के मन कक्ष में सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक लोग आ सकते हैं, उन्होंने कहा कि हेल्पलाइन नंबर 7309724176 पर काल कर जानकारी ली जा सकती है, क्लीनिकल साईक्लाजिस्ट अंकिता गुप्ता ने बताया कि इस रोग की वजह से स्मरण शक्ति कमजोर हो जाती है डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, ब्रेन स्टोक, सिर की चोट एनीमिया व कुपोषण के साथ नशे की लत लगने से भी रोग की सम्भावना अधिक हो जाती है, इस अवसर पर वृद्धजनों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया,दवाइयां दी गईं, कार्यक्रम में नोडल अधिकारी, एसीएमओ डॉक्टर सुरेंद्र प्रसाद, डीपीएम ममता अहिरवार, वृद्धाश्राम संरक्षक अमित कुमार, जसवंत सिंह इत्यादि उपस्थित रहे । इस बीमारी से बचने का सबसे आसान व कारगर तरीका है बुजुर्गो को शारीरिक रूप से आपने को फिट रखने के साथ ही साथ नियमित व्यायाम करना चाहिए, खाना खाने का एक नियत समय ही रखे, दिनचर्या अनियमित होने से बीमारी के होने की भी संम्भावना अधिक बन जाती है। आपस में हमेशा किसी न किसी विषय पर अवश्य चर्चा करते रहना चाहिए ।

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