रिपोर्ट- शुभम यादव
कौशाम्बी : जनपद में आज जिले के सहकारी समितियों का लक्ष्य कम से उर्व के लिए मारामारी मची है सुबह से किसान समितियों में लंबी लाइन में खड़े हो जाते हैं और तमाम किसानों का नंबर आते आते देर शाम हो जाती है समितियां बंद हो जाती है या फिर उर्वरक ही खत्म हो जाती है जिससे किसानों को समितियों से उर्वरक नहीं मिल पाता निजी व्यापारियों के यहां उर्वरक डीएपी बेखौफ तरीके से खुलेआम कालाबाजारी हो रही है डीएपी उर्वरक में 300 रुपए से लेकर 400 रुपए तक प्रति बोरी व्यापारी खुलेआम किसानों से अधिक वसूली कर रहे हैं कालाबाजारी की उर्वरक पर कृषि विभाग के अधिकारी रोक लगाने के बजाय कार्यालय से गायब हो गए हैं किसान शिकायत लेकर जब कृषि अधिकारी के यहां पहुंचते हैं तो वहां कमरा खाली मिलता है अधिकारी कुर्सी पर मौजूद नहीं रहते पूरे दिन यह कहां रहते हैं इस बात का जवाब देने वाला विभाग में कोई नहीं है इतना ही नहीं कृषि अधिकारी का मोबाइल भी नॉट रिचेबल और स्विच ऑफ बताता है जिससे किसानों के सामने मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा है मजबूर किसान या तो कालाबाजारी की डीएपी ले करके अपने खेत की बुवाई कर फसल तैयार करें या फिर खेत को खाली छोड़ दें।योगीराज में किसानों की इस बिकराल समस्या का समाधान होता नहीं दिख रहा है उर्वरक की कालाबाजारी से कृषि विभाग के अधिकारी काली कमाई में लिप्त हैं जिससे जिले का किसान उर्वरक के लिए परेशान हैं आखिर उर्वरक की कालाबाजारी में लिप्त व्यापारी और कृषि विभाग के जिम्मेदारों के कारनामों को योगी सरकार के अधिकारी कब संज्ञान ले कर किसानों की समस्याओं का समाधान करेंगे यह व्यवस्था पर बड़ा सवाल है।
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