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इमामगंज चौराहे के समीप बना यह सरकारी भवन आखिर है क्या, जिम्मेदार इसी तरह करते हैं सरकारी धन की बर्बादी...

ब्यूरो रिपोर्ट-सुरेश सिंह

कौशाम्बी : जनपद में ऐसे ऐसे सरकारी भवन जीर्ण शीर्ण अवस्था में जर्जर होकर पड़े हैं जिनका कभी इस्तेमाल ही नहीं हुआ है लेकिन सरकारी जिम्मेदारों ने उसे भरपूर लागत से तैयार करवाया था जिसमें अच्छा खासा बंदरबांट भी किया गया होगा, शायद अपनी जेबे भरने के लिए ही जिम्मेदार अधिकारी ऐसे भवनों का निर्माण कराते हैं और निर्माण कराने के बाद जब कमीशन खोरी हो जाती है तो उसे यूं ही छोड़ देते हैं, कुछ दिनों बाद अनदेखी के चलते भवन जर्जर होकर जीर्ण शीर्ण हो जाता है फिर उस पर ध्वस्तीकरण का खर्चा दिखाकर पूरी तरह से रकम को डकार जाते हैं, यह खेल अधिकारियों का हमेशा चलता रहता है ।

बतादें कि ऐसा ही एक सरकारी भवन मूरतगंज विकास खंड की ग्राम पंचायत बजहा में स्थित है जो इमामगंज चौराहे के समीप जीटी रोड के बगल में अपनी जर्जरता पर आंसू बहा रहा है, लगभग 10 से 12 वर्ष पहले से बना हुआ यह भवन अनदेखी का शिकार हो गया है, इसके बगल में एक टीनसेट का चबूतरा भी बनाया गया है जिसमें बताया जा रहा है कि यह बाजार लगाने के लिए बनाया गया था लेकिन इस पर कभी बाजार नहीं लगी, अनुमानित पच्चीसों लाख रुपए की लागत से बना यह भवन और चबूतरा पूरी तरह से ध्वस्त और बर्बाद हो चुका है, ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान और सचिव हर माह इसकी साफ सफाई और दुरुस्ती करण के लिए सरकारी धन का घोलमोल करते रहें हैं लेकिन इसकी कभी भी साफ सफाई, देख रेख नहीं कराई गई, भवन के चारों तरफ बड़ी बड़ी घास हैं और जंगल झाड़ी हो गई है जहां पर लोगों का बाजार लगाना तो दूर जाना तक संभव नहीं है, इसके संबंध में वहां के स्थानीय लोगों से पूछा गया तो वह इसके बारे में कुछ नहीं बता पाए, वहीं ब्लॉक के एडीओ पंचायत से बात की गई तो उन्होंने कहा कि उन्हें भी इसके बारे में कोई जानकारी नहीं है उनके आने से पहले ही यह इसी हालत पर पड़ा हुआ था, अब जल्द ही इसका ध्वस्तीकरण का कार्य किया जाएगा, इसी संबंध में फिर वीडियो मूरतगंज से बात की गई तो उन्होंने भी कहा कि इसके बारे में अभी उनके पास कोई ठीक ठाक जानकारी नहीं है सायद यह हाट बाजार के लिए बनाया गया रहा होगा ।

जिसमें ग्रामीणों को बाजार की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए इसका निर्माण कराया गया था, फिलहाल इसकी क्या स्थिति है उनको जानकारी नहीं है उन्होंने यह भी कहा कि अब जल्द ही इसकी जानकारी जुटाकर इसके लिए समुचित कार्यवाही कराई जाएगी, जिम्मेदारों ये बात चीत करने पर साफ जाहिर हो रहा है कि ग्राम पंचायतों में बने ऐसे सरकारी भवनों की स्थिति का कारण कहीं ना कहीं जिम्मेदार अधिकारी ही हैं वह सरकारी भवनों का निर्माण कराकर उसे भूल जाते हैं और बाद में उसका ध्वस्तीकरण कराकर उससे निकाले गये पूरे कमीशन को सफाचट कर जाते हैं, ताकि धांधली के कोई सबूत ही ना रह जाए, जहां एक तरफ आवास और छत के लिए ग्रामीण तरस रहे हैं वही जिम्मेदार अधिकारी करोड़ों की लागत से बने ऐसे भवनों पर सरकारी धन को जाया कर देते हैं, इसी प्रकार जर्जर और बदहाल भवनों की जिले भर में भरमार है ।

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