ब्यूरो रिपोर्ट-सुरेश सिंह
कौशाम्बी : जनपद में चायल क्षेत्र के जानकीपुर गांव निवासी दरियाव सिंह पटेल की धर्मपत्नी सत्यरूपा पटेल का विगत दिनों निधन हो गया था जिसके क्रम में चर्चित समाजसेवी और अपना दल नेता प्रीतम पटेल की पहल पर दरियाव सिंह पटेल ने अपनी धर्मपत्नी का मृत्युभोज तेरहवीं नहीं करने का निर्णय लिया, जिसके बाद मृत्यु भोज का बहिष्कार करते हुए श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया, इस दौरान परिवार के सदस्यों एवं गणमान्य लोगो ने पुष्प अर्पित करते हुए श्रद्धांजलि व्यक्त किया, स्वर्गीय सत्यरूपा पटेल के तैल चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के बाद समाजसेवी प्रीतम पटेल ने उपस्थित लोगों से मृत्युभोज यानी तेरहवीं संस्कार एवं समाज में व्याप्त पाखंडवादी व्यवस्था, अंधविश्वास एवं कुरीतियों के प्रति जागरूक करते हुए लोगों को ऐसी सड़ी गली पाखंडवादी व्यवस्था को अविलंब बन्द करने पर जोर दिया, लोगों को अपने बच्चों को शिक्षा के प्रति सजग रहने का आह्वान किया, इस दौरान समाजसेवी प्रीतम पटेल ने कहा कि मृत्यु भोज उत्सव एक पशुवत प्रवृत्ति है यह समाज के ऊपर आर्थिक बोझ है, इसे हमारे समाज के लोग झूठी शान बढ़ाने के लिए भारी मात्रा में कर्ज लेकर हजारों लोगों को पूड़ी पकवान खिलाने का दिखावा करते हैं, जबकि अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए, फीस भरने के लिए, किताब खरीदने के लिए, ड्रेस खरीदने के लिए, अच्छे स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए उनके पास पैसे नहीं होते हैं वर्तमान समय में मृत्यु भोज उत्सव मनाए जाने पर सवाल खड़ा करते हुए प्रीतम पटेल ने कहा कि मृत्युभोज जैसी कुरीतियाँ समाज के लिए आर्थिक बोझ ही नहीं बल्कि घोर अभिशाप है, विगत दिनों समाज सेवी प्रीतम पटेल के पिता का भी निधन हुआ था जिसमें प्रीतम पटेल ने भी अपने दिवंगत पिता की तेरहवीं यानी मृत्युभोज नही करके एक बड़ा संदेश समाज को दिया और समाज में फैली इस कुरीति का बहिष्कार कर अपने घर से प्रारंभ किये थे, इस दौरान श्याम लाल पटेल, बृजेश्वर सिंह, भान सिंह, मनमोहन सिंह, चन्द्र देव सिंह, विनोद कृष्ण, पुन्नूलाल, ओम प्रकाश पटेल, रणजीत सिंह, बृजभान सिंह, जितेन्द्र पटेल, यशवन्त सिंह सहित सैकड़ों गणमान्य लोग उपस्थित रहे ।
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