रिपोर्ट-न्यूज़ एजेंसी
लखनऊ : हिन्दू धर्म के अनुसार फाल्गुन मास में कृष्ण चतुर्दशी के दिन महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा, अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार इस बार यह पर्व 18 फरवरी 2023 शनिवार को रहेगा इस दिन शिवजी की विशेष पूजा और आराधना होती है और विशेष अभिषेक किया जाता है, अधिकतर मत के अनुसार शिवजी की पूजा निशीथ काल में की जाती है आओ जानते हैं कि क्यों महा शिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है, ईशान संहिता में बताया गया है कि फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी की रात्रि में आदिदेव भगवान शिव करोड़ों सूर्यों के समान प्रभाव वाले शिवलिंग रूप में प्रकट हुए थे, ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी तिथि में चंदमा सूर्य के नजदीक होता है उसी समय जीवनरूपी चंद्रमा का शिवरूपी सूर्य के साथ योग मिलन होता है ।
सूर्यदेव इस समय पूर्णत: उत्तरायण में आ चुके होते हैं तथा ऋतु परिवर्तन का यह समय अत्यन्त शुभ कहा गया है, माना जाता है कि सृष्टि की शुरुआत में इसी दिन आधी रात में भगवान शिव का निराकार से साकार रूप में ब्रह्म से रुद्र के रूप में अवतरण हुआ था, प्रलय की बेला में इसी दिन प्रदोष के समय भगवान शिव तांडव करते हुए ब्रह्मांड को तीसरे नेत्र की ज्वाला से भस्म कर देते हैं इसलिए इसे महाशिवरात्रि या जलरात्रि भी कहा गया है, इस दिन भगवान शंकर की शादी भी हुई थी इसलिए रात में शंकर की बारात निकाली जाती है रात में भगवान की पूजा कर फलाहार किया जाता है फिर अगले दिन सवेरे जौ, तिल, खीर और बेल पत्र का हवन करके व्रत समाप्त किया जाता है ।
0 Comments