रिपोर्ट-जैगम हलीम
कौशाम्बी : जिले में चरवा पुलिस के कारनामे किसी से छिपे नहीं है जहां पीड़ित फरियादियों को केवल हतासा और परेशानी का सामना करना पड़ता है। ऐसा ही एक मामला कई दिनों से सुर्खियां बटोर रहा है जिसमें माननीय न्यायालय ने चरवा थानेदार समेत आरोपियों पर मुकदमा दर्ज कर कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं। जबकि थानेदार ने अपना बचाव करते आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है। इससे साफ जाहिर हो रहा है कि थानेदार ने माननीय न्यायालय के आदेशों की धज्जियां उड़ाई है। वहीं पूरे मामले की शिकायत उच्च अधिकारियों से करते हुए पीड़ित युवक ने बताया कि उसका नाम कृष्णदेव पुत्र स्वर्गीय शंकर लाल है जो ग्राम चौराडीह थाना चरवा जनपद-कौशाम्बी का मूल निवासी है। पीड़ित ने आपबीती घटना के बावत विपक्षीगण अतुलसेन और बलराम सिंह वर्तमान थानाध्यक्ष चरवा के विरूद्ध मु०अ०सं० 101/2024 धारा 323, 504, 506 आईपीसी और 3 (2) 5 (ए), 3 (1) (ध) एससी/एसटी एक्ट में माननीय न्यायालय एससी/एसटी एक्ट के आदेशानुसार चरवा थाना में मामला पंजीकृत किया गया। जिसमें अभियुक्तगणों में से केवल अतुलसेन के ही विरूद्ध मुकदमा लिखा गया जबकि आदेश में थानाध्यक्ष बलराम सिंह का भी नाम है, लेकिन दर्ज की गई एफआईआर के कालम में बलराम सिंह का नाम अंकित नहीं किया गया है। पीड़ित द्वारा थानाध्यक्ष के विरूद्ध मुकदमा दर्ज कराये जाने से नाराज होकर पुलिस उसके परिवारिक जनों को डरवा धमकाकर उत्पीडन कर रही है। ऐसी स्थिति में उक्त थानाध्यक्ष द्वारा थाने में रहकर अपने पद और गरिमा का दुरूपयोग करते हुए मुकदमें की विवेचना को प्रभावित करने का काम किया जा सकता है जिससे पीड़ित को न्याय मिलने की उम्मीद नहीं रह गई है। पीड़ित द्वारा इसी शंका को लेकर पुलिस प्रशासन के उच्चाधिकारियों से शिकायत करते हुए थानेदार को तत्काल प्रभाव से अन्य जनपद में स्थानान्तरित करने की गुहार लगाई गई है ।
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