ब्यूरो रिपोर्ट-जतन सिंह

महोबा : जनपद में के एक छोटे से गांव में जिसका नाम खरेला है कभी श्रृंगी ऋषि की तपोभूमि हुआ करती था।यहां पले बढ़े कुछ लोगों ने खरेला का नाम खूब रौशन किया।उसमें सूबे के श्रम मंत्री मुख्य रूप से जाने जाते हैं।रामायण काल में तुलसीदास जी ने श्रृंगी ऋषि जी का विस्तृत वर्णन किया है।

श्रृंगी ऋषि असंभव को संभव करने का तपोवन रखते थे।यही कारण था कि, अयोध्या के राजा दशरथ पुत्र कामना की इच्छा से श्रृंगी ऋषि के आश्रम पैदल चलकर आए और उन्होंने श्रृंगी ऋषि से प्रार्थना किया कि हम और हमारी रानियां पुत्र प्राप्ति की कामना से आप की शरण में आए हैं।तब श्रृंगी द होने चार पुत्रों की प्राप्ति हुई।इसी कारण खरेला की श्रृंगी ऋषि की तपोभूमि पूरे भारतवर्ष में जानी जाती है।
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