रिपोर्ट-नरेन्द्र कुमार द्विवेदी
कौशाम्बी : जनपद में शिक्षा विभाग के ढुलमुल रवैया के चलते प्राथमिक विद्यालयों एवं पूर्व माध्यमिक विद्यालयों के अध्यापक और अध्यापिका ने पूरी तरह से बेलगाम होकर कार्य कर रहे हैं, कोरोना जैसी महामारी का दौर झेलने के बाद बच्चे शिक्षा से दूर हो गए थे, जब उन्हें राहत मिल रही है और फिर से शिक्षा ग्रहण करने की समय आ गया है तो शिक्षक और शिक्षिकाएं बच्चों को शिक्षा से वंचित करने पर उतारू है ।
विकास खंड नेवादा के अंतर्गत दरियाव का पूरा गांव के प्राथमिक विद्यालय में इन दिनों ऐसा ही नजारा देखने को मिल रहा है, ग्राम पंचायत के ग्रामीणों का आरोप है कि समय पर कोई भी अध्यापक अध्यापिका विद्यालय में नहीं आते हैं लगभग 11 बजे के बाद ही उनकी विद्यालय में एंट्री होती है, वहीं विद्यालय के चारों तरफ पानी निकासी की अच्छी व्यवस्था ना होने की कारण विद्यालय में बारिश का पानी महीनों तक भरा रहता है जिससे बच्चों को आवागमन में घुटनों तक से आना जाना पड़ता है, विद्यालय परिसर में लगा हैंडपंप भी पानी की वजह से खराब हो गया है जिससे बच्चों को पानी की समस्या भी उत्पन्न हो रही है ।
विद्यालय परिसर में साफ सफाई नहीं होने के चलते संक्रमित करने वाले कीट पतंगों की भरमार हो गई है, साथ ही बरसात के पानी के जलजमाव से मच्छरों का प्रकोप अत्याधिक हो गया है, पाठ्यक्रम के दौरान दिन भर बच्चों को मच्छरों का दंश झेलना पड़ता है, जिससे बच्चों को डेंगू, मलेरिया जैसी भयानक बीमारी का होने का खतरा बना हुआ है, विद्यालय की ऐसी बड़ी समस्याओं पर विद्यालय की प्रधानाध्यापिका कोई ध्यान नहीं दे रही हैं ना ही शिक्षा विभाग के अधिकारी कोई पहल कर रहे हैं ।
एक तरफ सरकार बच्चों को उच्च शिक्षा मुहैया कराने के लिए अनेकों योजनाएं लाकर सरकारी विद्यालयों को मजबूती प्रदान कर रही हैं, विद्यालयों को स्वच्छता की ओर अग्रसर कर रही हैं लेकिन विभाग के जिम्मेदारों की नफरमब के चलते सब चौपट हो रहा है विद्यालय में शौचालय की स्थिति भी ठीक नहीं है, ग्रामीणों ने जिलाधिकारी के ध्यान इस ओर आकृष्ट कराकर कार्यवाही कराने की मांग की है ।
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