रिपोर्ट-न्यूज़ एजेंसी
दिल्ली : तालिबान ने 11 सितंबर को भारत के लिए रवाना होने वाले अफगान सिखों के एक समूह को गुरु ग्रंथ साहिब को अपने साथ ले जाने से रोक दिया है इन धार्मिक ग्रंथों को अफगानिस्तान की विरासत का हिस्सा माना गया है, साल 1990 के दशक में अफगान सिखों ने अपने देश से भागना शुरू कर दिया था, यह अनुमान लगाया जाता है कि अब 100 से भी कम लोग वहां बचे हैं 60 सिखों का एक समूह भारत आने की तैयारी में है, लेकिन वे अपने चार गुरु ग्रंथ साहिब को भी अपने साथ भारत लाना चाहते हैं, अमृतसर स्थित सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने तालिबान के इस कदम की निंदा की है, उन्होंने तालिबान सरकार के फैसले को सिखों के धार्मिक मामलों में सीधा हस्तक्षेप करार दिया है, उन्होंने भारत सरकार, प्रधानमंत्री कार्यालय और विदेश मंत्रालय से इस मामले में हस्तक्षेप करके अफगानिस्तान में सिखों के अधिकारों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की अपील किया है ।
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