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पिता की तलाश करने रात में ही रेलवे की पटरियों पर चला कई किलो मीटर तक मासूम...


रिपोर्ट-अमित मिश्रा


झांसी : जनपद में ने तीन वर्षीय माशूम अपने के साथ घूमने निकला था जो भूल से उसके पिता की मौत हो जाने पर उससे बिछड़ गया, जब रात्रि में पिता नही मिला तो उसकी तलाश में 3 वर्ष का मासूम पटरियों पर कई किलो मीटर चलते हुए मऊरानीपुर रेलवे स्टेशन जा पहुँचा, जहाँ स्टेशन मास्टर और रेलवे कर्मचारियों ने देखा कि कोई बच्चा पटरियों पर चला आ रहा है तो उसे रोककर उससे पूछताछ करने का प्रयास किया गया, लेकिन मासूम के कुछ नहीं बता पाने की स्थिति में सबने सुबह का इंतजार करना ही उचित समझा और सुबह सूचना मिली कि एक युवक का शव पटरियों के किनारे पड़ हुआ है, जिसकी सूचना मऊरानीपुर कोतवाली पुलिस को दी गई ।
आपको बता दें कि विगत रात्रि में लगभग 11 बजे पटरियों पर एक 3 वर्ष का मासूम बच्चा रोते बिलखते हुए मेलोनी रोरा की तरफ से पैदल चला आ रहा था, जिसे देख रेलवे के कर्मचारियों द्वारा उसे रोककर मासूम से पूछताछ किया गया, लेकिन मासूम कुछ भी बोल पाने की स्थिति में नहीं था इस लिए सुबह का इंतजार करना उचित समझा गया और सुबह सूचना मिली कि रोरा की तरफ ग्राम मेलोनी के पास पटरियों के किनारे एक युवक का शव पडा हुआ है, जिसकी सूचना कोतवाली प्रभारी सत्यपाल सिंह को दी गई, लोगों से सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचकर शव को कब्जे में लेते हुए छानबीन शुरू कर दिया । जिस पर पुलिस ने छानबीन में बताया कि मृतक अजय पुत्र मुलायम आदिवासी 29 वर्ष निवासी खरो थाना लिधौरा मध्य प्रदेश अपनी छोटी साली की शादी में शामिल होने ग्राम मेलोनी आया था, उसकी शाली की शादी होने के बाद जब घर के लोग अपने अपने काम से फुर्सत होकर सोने की कोशिश कर रहे थे तभी अजय अपने पुत्र मिट्ठू 3 को साथ लेकर वह घर से निकल आया और ग्राम के पास से निकली पटरियों के किनारे बैठ गया । जिसके बाद रात्रि के समय किसी मालगाड़ी की चपेट में आने से उसकी मौत हो गयी, रात्रि में अंधेरा अधिक होने और पिता की कोई आहट न मिलने की बजह से मासूम रोते बिलखते पिता की खोज में पटरियों पर पैदल ही निकल गया, वह चलते चलते रेलवे स्टेशन मऊरानीपुर जा पहुँचा, जहाँ रेलवे के कर्मचारियों को मासूम मिलने के बाद उन्होंने सुबह मासूम मिठ्ठू के नाना कन्हैया लाल आदिवासी को बुलाकर मासूम को सुपुर्द कर दिया, कोतवाली पुलिस उसके पिता के शव को कब्जे में लेकर कार्यवाही शुरू कर दिया है । कहते है जिसकी सुरक्षा खुद भगवान करता हो तो उसे कोई भी आंच नही आ सकती, कुछ यही मासूम मिठ्ठू के साथ हुआ है अगर रात्रि में कोई ट्रेन या माल गाड़ी निकली होती तो हो सकता था कि मासूम भी ट्रेन की चपेट में आ जाता लेकिन वह बिल्कुल सुरक्षित है, मासूम के पिता अजय की मौत के बाद पूरे परिवार में मातम का माहौल बना हुआ है ।

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