रिपोर्ट-सोमराज वर्मा
प्रयागराज : जनपद के सबसे सनसनीखेज हत्याकांडों में शुमार डॉक्टर अश्वनी कुमार बंसल हत्याकांड का आखिरकार चार साल बाद खुलासा हो गया, एसटीएफ ने ज्योति जीवन हास्पिटल के निदेशक की हत्या में शामिल शूटर मोहम्मद शोएब को सोमवार को लखनऊ से गिरफ्तार किया, साथ ही बताया कि एडमिशन माफिया आलोक सिन्हा ने 55 लाख रुपये के विवाद में भाड़े के शूटरों से इस हत्याकांड को अंजाम दिलवाया था, हत्या की साजिश नैनी जेल के भीतर रची गई, जिसमें कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी पर आरडीएक्स से हमले का आरोपी दिलीप मिश्र भी शामिल था ।
डॉक्टर बंसल की हत्या 12 जनवरी 2017 को सरेशाम उनके चैंबर में गोली मारकर कर दी गई थी, एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि उनकी टीम ने प्रतापगढ़ में 2018 में हुई एक घटना में शामिल 50 हजार के इनामी बदमाश शोएब को पकड़ने के लिए जाल बिछाया था, सोमवार को शोएब के लखनऊ आने की सूचना मिली, जिस पर पुलिस उपाधीक्षक दीपक सिंह और इंस्पेक्टर हेमंत भूषण सिंह एवं अन्य पुलिस की टीम ने सुबह साढ़े सात बजे चिनहट स्थित देवारोड के पास से उसे गिरफ्तार कर लिया, पूछताछ के दौरान उसने बताया कि डॉक्टर बंसल की हत्या उसने अपने साथियों संग मिलकर सुपारी लेकर की थी, एसटीएफ के मुताबिक, शोएब ने पूछताछ में बताया कि डॉक्टर बंसल ने बेटे अर्पित का मेडिकल कॉलेज में एडमिशन कराने के लिए आलोक सिन्हा को 55 लाख रुपये दिए थे, एडमिशन तो हुआ नहीं और आलोक ने पैसे भी हड़प लिए, जिस पर डॉक्टर ने एफआईआर दर्ज कराकर आलोक को जेल भेजवा दिया, यही नहीं दूसरे राज्यों में दर्ज मुकदमों में भी पैरवी करने लगे, इसके बाद ही आलोक की मुलाकात नैनी जेल के भीतर दिलीप मिश्रा, अशरफ उर्फ अख्तर कटरा, जुल्फिकार उर्फ तोता और गुलाम रसूल से हुई, आलोक ने डॉक्टर बंसल की हत्या की साजिश रची, जिसमें दिलीप और अख्तर कटरा भी शामिल हो गए, दोनों ने अबरार मुल्ला नाम के बदमाश के माध्यम से तीन शूटर तय किए, जिसमें शोएब के अलावा मकसूद और यासिर शामिल थे, शोएब ने एसटीएफ को बताया कि डॉक्टर बंसल की हत्या करने के लिए 70 लाख रुपये में सौदा तय हुआ था, इसमें 15 लाख रुपये एडवांस में और 55 लाख रुपये हत्या के बाद देने की बात हुई, अबरार मुल्ला ने शोएब, मकसूद और यासिर को पांच लाख रुपये, दो पिस्टल और एक मोटर साइकिल हत्या को अंजाम देने के लिए दी, यह तीनों बाइक से ज्योति जीवन हास्पिटल पहुंचे, गाड़ी मकसूद चला रहा था, अस्पताल के बाहर मकसूद गाड़ी पर खड़ा रहा और शोएब, यासिर दोनों ने अपनी-अपनी पिस्टल से चैंबर में मरीज देख रहे बंसल पर अंधाधुंध फायरिंग करके मौत के घाट उतार दिया था, जिसके बाद मोटर साइकिल से फरार हो गए, बाद में रुपयों के बंटवारे को लेकर हुए विवाद में अबरार मुल्ला के कहने पर शोएब और मकसूद ने यासिर की हत्या करके उसे रास्ते से हटा दिया ।
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