रिपोर्ट-न्यूज़ एजेंसी
दिल्ली : राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने आज (14 फरवरी, 2024) बेणेश्वर धाम, राजस्थान में विभिन्न स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी आदिवासी महिलाओं की एक सभा को संबोधित किया, इस अवसर पर बोलते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने आत्मनिर्भर बनने का संकल्प लिया है, भारत तभी आत्मनिर्भर हो सकता है, जब भारत का हर नागरिक आत्मनिर्भर बनेगा, उन्होंने आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए स्वयं सहायता समूहों और उनसे जुड़े सभी लोगों की सराहना की, उन्हें यह जानकर प्रसन्नता हुई कि स्वयं सहायता समूह न केवल कार्यशील पूंजी प्रदान कर रहे हैं, बल्कि मानव पूंजी और सामाजिक पूंजी का सृजन करने में भी सराहनीय कार्य कर रहे हैं, राष्ट्रपति ने कहा कि समाज के अन्य वर्गों के लोग आदिवासी समाज से बहुत कुछ सीख सकते हैं, जनजातीय समुदायों ने स्वशासन के अच्छे उदाहरण प्रस्तुत किये हैं, हम उनसे सीख सकते हैं कि प्रकृति के साथ सामंजस्य बिठाकर आनंदपूर्वक कैसे जीवन निर्वाह किया जाए, हम उनसे प्रकृति को नुकसान पहुंचाए बिना न्यूनतम संसाधनों का उपयोग करते हुए जीवन जीना सीख सकते हैं, हम लोग महिला सशक्तिकरण के बारे में भी सीख सकते हैं, श्रीमती मुर्मु ने कहा कि महिला नेतृत्व वाले विकास के विचार को कार्यान्वित करने के लिए पूरे समाज को प्रयास करना होगा, महिलाओं में शिक्षा एवं कौशल विकास को बढ़ावा दिया जाना चाहिए, ऐसा करने से महिलाएं देश और दुनिया की प्रगति में बराबर की भागीदार बन सकेंगी, उन्होंने विश्वास जताया कि भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने में महिलाएं अग्रणी भूमिका निभाएंगी। उन्होंने कहा कि उनकी सफलता के बल पर ही, भारत का भविष्य उज्ज्वल होगा।
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