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पशु चिकित्साधिकारी ने सहायता समूह की महिलाओं को पशु पालन से जोड़कर आत्मनिर्भरता के लिए दी तमाम जानकारियां...

ब्यूरो रिपोर्ट-जतन सिंह


महोबा : जनपद में विकास खण्ड सभागार में स्वयं सहायता समूह से जुड़ी ग्रामीण महिलाओं को पशु पालन से जोड़ने के लिए प्रशिक्षित कर दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है, विकास खण्ड़ में एक पखवारा से ग्रामीण आजीविका मिशन के जरिए गठित सहायता समूह को पशु पालन में गाय,भैस, बकरीद की अच्छी नस्ल, और दुग्ध उत्पादन बढ़ाने की जानकारी के साथ प्रशिक्षित किया जा रहा है, पशु पालन प्रशिक्षण में पशु पालन विभाग के चिकित्सा अधिकारी डाॅक्टर एमडी राजपूत ने कहा कि आमदनी बढ़ाने के लिए अच्छी नस्ल के पशु पालन करें इसलिए कृत्रिम गर्भदान से किया जा सकता है, आजीविका मिशन के कर्मचारी व प्रशिक्षक अरूण,बीएमएम पंकज सक्सेना, शुभम, निधि, और राजकुमार ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएँ खेती के साथ पशुपालन, बागवानी कर परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार कर सकती है, चरखारी ब्लाक क्षेत्र में 760 समूह संकिय रूप संचालित है, दिनेश चंद्र संयुक्त खण्ड़ विकास अधिकारी, एडीओ आईएसबी का कहना है कि लाँकडाऊन के समय से समूहों में जुड़ी कई महिलाओं को काम नही मिल रहा था तब मैंने पशु पालन सेवा से जोडकर प्रशिक्षित प्राप्त महिलाओं को दुग्ध उत्पादन में सहयोग मिलेगा तथा परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा ।


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