रिपोर्ट-न्यूज़ एजेंसी
लखनऊ : हिंदी पंचांग के मुताबिक हर हिंदी माह की आखिरी तिथि पूर्णिमा होती है साल 2023 की पहली पूर्णिमा 6 जनवरी दिन शुक्रवार को है हिंदू धर्म में पूर्णिमा का विशेष महत्व है इस दिन स्नान ध्यान, पूजा, जप-तप और दान का विधान है, धार्मिक मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों और सरोवरों में आस्था की डुबकी लगाने से भक्तों के सारे काम पूरे होते हैं और उन्हें मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है, पौष पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में सुख समृद्धि और शांति का आगमन होता है, पौष पूर्णिमा के दिन प्रातः काल उठ कर घर की साफ़वसफाई करें, उसके बाद स्नानादि करके व्रत का संकल्प लें, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करना उत्तम माना जाता है ।
यदि नदी में स्नान करना संभव न हो तो घर पर ही नहाने वाले पानी में गंगाजल डाल कर स्नान करें, उसके बाद सर्वप्रथम भगवान भास्कर को ॐ नमो नारायणाय मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य दें, इसके बाद भगवान सूर्य देव की ओर मुख करके जल में तिल डाल कर तिलांजलि दें, अब पूजा स्थल पर बैठकर नारायण की पूजा करें, पूजा के दौरान चरणामृत, पान, तिल, मोली, रोली, कुमकुम, फल, फूल, पंचगव्य, सुपारी, दूर्वा आदि अर्पित करें, पूजा के अंत में आरती और क्षमा प्रार्थना कर पूजा संपन्न करें, ज्योतिष शास्त्र में पूर्णिमा व्रत का काफी महत्व है ।
पूर्णिमा के दिन कई तरह के उत्सव भी मनाया जाता है ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन का कारक कहा गया है इसी के साथ पूर्णिमा के दिन लोग व्रत रखते हैं और भगवान की पूजा करते हैं, इसी के साथ जो भी जातक विधि विधान से भगवान की पूजा करता है उसका यह व्रत सफल होता है और उसकी मनोकामना पूर्ण हो जाती है, पूर्णिमा के दिन महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करना शुभ मानते हैं, क्योंकि यह खराब स्वास्थ्य, नकारात्मक ऊर्जा से छुटकारा दिलाने में मदद करता है ।
0 Comments