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मजदूर को लखपति बताकर निरस्त कर दिया अंत्योदय कार्ड, हाईकोर्ट ने दिए जांच के आदेश...

रिपोर्ट-न्यूज़ एजेंसी

फतेहपुर : जनपद में एक महिला मजदूर का अंतोदय कार्ड उसे लखपति घोषित करके निरस्त कर दिया गया है पूरा मामला गौरी गांव में रहने वाले दिहाड़ी मजदूर परिवार का है, बतादें कि याची बीना देवी के पति राम किशोर दिहाड़ी मजदूर है पति पत्नी के अलावा परिवार में तीन बच्चे है जिनका जीवन यापन राम किशोर दिहाड़ी मजदूरी के सहारे करता है पैंतीस सौ रुपए मासिक आय वाले इस परिवार को अंत्योदय राशन कार्ड जारी हुआ था, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आपूर्ति विभाग द्वारा लखपति घोषित कर दिए गए दिहाड़ी मजदूर के अंत्योदय राशन कार्ड के निरस्तीकरण की जांच चार हफ्ते में पूरी करने का आदेश दिया है, यह आदेश हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति सूर्य प्रकाश केशरवानी और न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की खंडपीठ ने फतेहपुर निवासी बीना देवी की याचिका पर अधिवक्ता सुनील यादव को सुन कर दिया है, मामला फतेहपुर जिले के गौरी गांव में रहने वाले दिहाड़ी मजदूर परिवार का है याची बीना देवी के पति राम किशोर दिहाड़ी मजदूर है पति पत्नी के अलावा परिवार में तीन बच्चे है जिनका जीवन यापन राम किशोर दिहाड़ी मजदूरी के ZZ ç करता है, पैंतीस सौ रुपए मासिक आय वाले इस परिवार को अंत्योदय राशन कार्ड जारी हुआ था महंगाई के इस दौर में अंत्योदय योजना के तहत मिलने वाले राशन से परिवार का पालन पोषण सितंबर 2021 तक ठीक ठाक चल रहा था सरकारी राशन के डीलर ने अचानक राशन देना बंद कर दिया, राशन नही मिलने से परेशान परिवार  ने वजह जानने की कोशिश की तो जानकारी मिली कि उसका अंत्योदय राशन कार्ड इस आधार पर निरस्त कर दिया गया है कि याची का पति 0.7610 हेक्टेयर कृषि भूमि का मालिक है कृषि भूमि की उपज की बिक्री से याची के पति के नाम से स्टेट बैंक के खाते में चार लाख चौवन हजार तीन सौ रुपए जमा है, यह जान कर हैरान याची ने पता किया तो जानकारी मिली कि जिस कृषि भूमि का स्वामी याची के मजदूर पति को बताया जा रहा है वो राजस्व रिकार्ड में किसी दूसरे के नाम दर्ज है, इसी तरह जिस स्टेट बैंक में जमा लाखों रुपए, दिहाड़ी मजदूर के बताए जा रहे है, उस बैंक में उसका कोई खाता ही नही है, सारी जानकारी इकट्ठा करने के बाद आपूर्ति विभाग द्वारा लखपति घोषित मजदूर परिवार वर्षो से सरकारी कार्यालयों में ये साबित करता घूम रहा है की वो लखपति नही दिहाड़ी मजदूर है उसका परिवार राशन के अभाव में भुखमरी के कगार पर है, लेकिन उसकी किसी ने एक नहीं सुनी, अधिकारियों की परिक्रमा से थक चुकी याची ने अंत्योदय राशन कार्ड को पुनर्जीवित कर राशन मुहैया कराने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है जिस पर हाईकोर्ट की खंडपीठ ने याचिका निस्तारित करते हुए जिलापूर्ति अधिकारी फतेहपुर को मजदूर परिवार द्वारा अंत्योदय राशन कार्ड के निरस्तीकरण के विरुद्ध दी गई शिकायत की जांच को चार हफ्ते में पूरी करने का आदेश दिया है ।

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