रिपोर्ट-फैजी जाफरी
कौशाम्बी : जनपद में फतेहपुर जनपद के धाता कस्बे में 20 अगस्त को योगेंद्र प्रताप सिंह के पिता की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। घटना के बाद से मृतक परिवार से मिलने और श्रद्धांजलि देने पहुंचने वालों को प्रशासन लगातार रोक रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक, 29 अगस्त को भी कई लोग योगेंद्र प्रताप सिंह के घर जाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इतना ही नहीं, तेरहवीं संस्कार के मौके पर भी लोगों को धाता पहुंचने की अनुमति नहीं दी गई। ताज़ा मामला 21 सितंबर का है। सरदार सेना के कार्यकर्ता योगेंद्र प्रताप सिंह के घर, फतेहपुर जनपद के धाता कस्बे में श्रद्धांजलि देने जा रहे थे। लेकिन जैसे ही वे संदीपन घाट थाना क्षेत्र के कोइलाहा बॉर्डर पर पहुंचे, थाना प्रभारी शशिकांत मिश्र ने हमराहियों के साथ पहुंचकर उन्हें रोक दिया।
सरदार सेना कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्हें फतेहपुर जिले के धाता अजरौली गांव में आयोजित केशपाल पटेल की श्रद्धांजलि सभा में बुलाया गया था, लेकिन पुलिस ने उन्हें वहां भी नहीं जाने दिया। इस विषय पर सरदार सेना के कार्यकर्ताओं ने कहा कि आखिर सरकार और प्रशासन श्रद्धांजलि सभा या तेरहवीं संस्कार में शामिल होने से कार्यकर्ताओं और समर्थकों को रोककर क्या संदेश देना चाहती है। क्या पीड़ित परिवार से मिलने और संवेदना व्यक्त करना भी अपराध है। इस पूरे घटनाक्रम को लेकर स्थानीय लोगों और विपक्षी दलों में आक्रोश है। लोगों का कहना है कि प्रशासन संवेदनाओं पर भी पहरा लगा रहा है।
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