ब्यूरो रिपोर्ट-जतन सिंह
महोबा : जनपद में 15 जून 2020 को जनपद वासियों को वायरस कोविड 19 के संक्रमण से बचाने के लिए पूल टेस्टिंग शुरू हो चुकी है, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर सुमन ने स्वास्थ्य कर्मियों सहित वृद्धाश्राम, मलिन बस्ती, वेंडर, डिलेवरी ब्वाय, बस, आटो, रिक्शा चालकों का समूह बनाकर पूल टेस्टिंग कराने के निर्देश दिए हैं, सीएमओ ने बताया कि पूल टेस्टिंग के संबंध में प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद का निर्देश प्राप्त हुआ है इसके बाद जिले में पूल टेस्टिंग सुविधा शुरू की गई है रविवार को 6 पाजिटिव केस मिलने के बाद जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 37 हो गई है, उन्होंने बताया कि वृद्धाश्राम, मलिन बस्तियों व अस्पतालों में तैनात स्वास्थ्य कर्मियों के पूल बनाकर उनके सैंपल लिए गए हैं। उन्हें जांच के लिए भेजा गया है, कहा कि ज्यादा सैंपलिंग के कारण रिपोर्ट पेंडिंग हो रही हैं इसलिए फिलहाल अभी बुधवार तक पूल सैंपलिंग रोक दिया गया है बृहस्पतिवार से पुनः पूल टेस्टिंग शुरू की जाएगी । पूल टेस्टिंग के जरिए एक साथ 5 या उससे ज्यादा कोरोना संदिग्ध लोगों के नाक और गले के स्वैब को लेकर मिक्स कर एक ही सैंपल बनाया जाता है फिर उसी पूरे सैंपल की जांच होती है, अगर पूरा सैंपल कोरोना वायरस नेगेटिव निकल जाता है तो यह मान लिया जाता है कि सभी लोग निगेटिव हैं अगर सैम्पल पॉजिटिव आता है तो बारी-बारी से सभी व्यक्तियों का कोरोना टेस्ट किया जाता है । पूल टेस्टिंग से कोरोना की जांच में तेजी आती है एक साथ भारी तादाद में लोगों के सैंपल लेकर उनको मिक्स कर लिया जाता है और अगर रिजल्ट नेगेटिव आता है तो एक ही दिन में सैकड़ों की तादाद में लोगों को नेगेटिव घोषित कर दिया जाता है रिजल्ट पॉजिटिव होने की दशा में ही एक-एक आदमी का टेस्ट होता है पूल टेस्टिंग का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे समय, संसाधन और आर्थिक बचत भी हो जाती है ।
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