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कुंडी खटखटाने के बजाए आवाज देकर बुलाएंगी आशा, कोविड 19 को देखते हुए होगी परिवार नियेाजन की बात, जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के तहत हुई गोष्ठी....

ब्यूरो रिपोर्ट-जतन सिंह


महोबा : जनपद में 13 जुलाई 2020 को दो दिवसीय लाकडाउन खुलने के बाद विश्व जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के तहत मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय सभागार में सोमवार को गोष्ठी का आयोजन किया गया, सीएमओ डॉक्टर सुमन ने कहा कि विश्व में बढ़ती जनसंख्या के दृष्टिगत जन समुदाय को परिवार नियोजन एवं उसकी सेवाओं के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जाता है, इस बार कोरोना संक्रमण को देखते हुए आशा घर-घर जाकर लोगों को जनसंख्या नियंत्रण के प्रति जागरूक करेंगी, मगर कोरोना संक्रमण के कारण वह किसी भी घर की कुंडी, दरवाजे को नहीं छुएंगी, आवाज देकर परिवार के सदस्यों को बुलाकर जानकारी देंगी, उन्होंने कहा कि कम समय में गर्भ धारण करने से महिला के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है यह मातृ और शिशु मृत्यु दर का प्रमुख कारण भी है जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा 31 जुलाई तक चलेगा, उन्होंने बताया कि परिवार नियोजन के संसाधनों को लोगों तक पहुंचाने के लिए आशा कार्यकर्ता अहम भूमिका निभा रही हैं । आशा कार्यकर्ता घर-घर भ्रमण करेंगी, उन्होंने कहा कि भ्रमण के दौरान आशा कार्यकर्ता मास्क का प्रयोग करें, हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोते रहें, कम से कम दो गज की दूरी बनाकर लोगों से बात करें, घर के कुंडी, दरवाजे को न छुएं, लोगों को आवाज देकर बुलाएं और उनसे बात करें, लोगों को परिवार नियोजन की सामग्री उपलब्ध कराके उनको जनसंख्या नियंत्रण के लिए जागरूक करें, परिवार नियोजन के नोडल अधिकारी डाॅक्टर सुरेंद्र प्रसाद ने कहा कि शहरी, ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों पर अंतरा, छाया, कंडोम, माला एन, पीपीआईंयूसीडी की सेवाएं दी जा रही हैं । इस मौके पर चिकित्साधीक्षक डॉक्टर केपी सिंह, डॉक्टर पीके सिंह, डॉक्टर विनोद, डॉक्टर जीआर रत्मेले, डीपीएम ममता अहिरवार, जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ राजेश प्रजापति, डीसीक्यूए डॉक्टर दिवाकर प्रताप सिंह, जयंत कुमार, जीतेश सोनी, मनोज कुमार लाल, फिरोज अहमद, ओंकार प्रकाश, वली मोहम्मद, स्वयंसेवी संस्था आशा और ग्रोमोन्नित के प्रतिनिधि तथा आईसीडीएस के कर्मी उपस्थित रहे, मिशन परिवार विकास में शामिल है महोबा जनपद को मिशन परिवार विकास में शामिल किया गया है जिले की टीएफआर सकल प्रजनन दर 3.5 है, शासन की मंशा वर्ष 2025 तक इसे 2.0 लाने की है, पुरुष नसबंदी के लिए लाभार्थी को 3000 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है महिला नसबंदी के लिए लाभार्थी को 2000 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती है वहीं प्रसव के पश्चात नसबंदी के लिए महिला लाभार्थी को 3000 रुपये दिए जाते हैं ।


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