ब्यूरो रिपोर्ट-सुरेश सिंह
कौशाम्बी : जनपद में स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदारों द्वारा बसपा और समाजवादी पार्टी की सरकार में अवैध वसूली का खेला शुरू हुआ था इस सिस्टम को 6 वर्ष के कार्यकाल में योगी सरकार भी नहीं तोड़ पाई है लगभग 20 वर्षों पूर्व नर्सिंग होम से शुरू हुआ अवैध वसूली का खेल दिनों दिन बढ़ता रहा है अवैध वसूली के धंधे नहीं बंद हो पाये, इस सिस्टम की जिम्मेदारी एक खास लिपिक को सौंपी गई है जिसका खामियाजा मरीज और परिजन भुगत रहे हैं, कम पढ़े लिखे लोगों के हाथ निजी नर्सिंग होम की कमान सौंप कर स्वास्थ्य विभाग का एक लिपिक करोड़ों रुपए साल की अवैध वसूली में लिप्त है नर्सिंग होम के रजिस्ट्रेशन और पाली क्लीनिक के रजिस्ट्रेशन की पत्रावली भी विभाग में मौजूद नहीं दिखाई पड़ रही है सवाल जवाब के बाद भी किसी भी नर्सिंग होम की जानकारी सीएमओ नहीं दे पा रहे हैं, सूत्रों की माने तो नर्सिंग होम और पॉलीक्लिनिक की पत्रावली विभाग से गायब कर दी गई है जिसका लाभ अवैध नर्सिंग होम और अवैध पाली क्लीनिक संचालक उठा रहे हैं, बेखौफ तरीके से संचालित अवैध नर्सिंग होम से वसूली करने वाला यह लिपिक सीएमओ का चहेता बताया जाता है, जिले में अवैध तरीके से संचालित नर्सिंग होम की भरमार है विभागीय आंकड़ों की बात करें तो 732 नर्सिंग होम जिले में संचालित हो रहे हैं जो मानकों को पूरा नहीं कर रहे हैं दो तिहाई नर्सिंग होम सरकारी चिकित्सक और फार्मासिस्ट के हवाले हैं, नए नर्सिंग होम के रजिस्ट्रेशन में 2 लाख रुपए साहब का चहेता लिपिक वसूल रहा है जिससे मानक दरकिनार कर दिया जाता है, वहीं मानक ना पूरा करने वाले नर्सिंग होम के रजिस्ट्रेशन के बाद रिन्युअल के समय फिर 50 हजार रुपए की वसूली साहब का चहेता लिपिक कर रहा है, मधुमक्खी की तरह साहब के आगे पीछे लगे रहने वाले इस लिपिक के कारनामों पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी की मेहरबानी क्यों बनी है यह बड़ी जांच का विषय है, झोलाछाप चिकित्सकों और कम पढ़े लिखे लोगों के हाथ इलाज की व्यवस्था दे दिए जाने के बाद जिले में मौत का आंकड़ा बढ़ गया है, मरीजों से इलाज के नाम पर अवैध वसूली का खेल आसमान चढ़ कर बोल रहा है आम जनता इलाज के नाम पर प्रताड़ित हो रही है उसे इलाज नहीं मिल पा रहा है, मानक ना पूरा करने वाले अस्पतालों की शिकायत के बाद भी सीएमओ ऐसे हॉस्पिटलों पर कार्यवाही नहीं कर रहे हैं, सूत्रों की माने तो साहब का चहेता लिपिक करोड़ों रुपए साल की अवैध वसूली में लिप्त है और लिपिक के अवैध वसूली में साहब भी खुश है लेकिन साहब को नहीं पता है कि उनके चहेते लिपिक के कारनामों की जब शिकायत शासन स्तर से हुई तो लिपिक के कारनामे के चलते पूर्व में कई सीएमओ को अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी है, योगी सरकार ने सीएमओ कार्यालय के सिस्टम के तहत अवैध वसूली की जांच कराई तो सिस्टम के तहत अवैध नर्सिंग होम को बढ़ावा देने वाले सीएमओ पर पूर्व के कई सीएमओ की तरह गाज गिरना तय है ।
0 Comments