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चायल तहसील के सब रजिस्ट्रार पर लगा फर्जी बैनामा करने का आरोप, एक अधिवक्ता ने खोली पोल...

रिपोर्ट-जैगम हलीम

कौशाम्बी : जनपद की तहसील चायल में स्थित रजिस्ट्री कार्यालय में सब रजिस्ट्रार पर फर्जी बैनामा करने का आरोप लगा है पीड़ित अधिवक्ता ने सब रजिस्टार चायल पर नकली दस्तावेजओं के आधार पर पैसे लेकर फर्जी बैनामा करने का आरोप लगाया है, फिलहाल चायल तहसील के बैनामा कार्यालय का यह कोई पहला मामला नहीं है पूर्व में भी सब रजिस्टार पर फर्जी बैनामा करने के आरोप लगाचुके हैं, बताते चलें कि महगांव के रहने वाले अधिवक्ता लालमन पाल ने जिलाधिकारी और मंडल आयुक्त से डाक द्वारा सब रजिस्ट्रार चायल की शिकायत करते हुए फर्जी बैनामा करने का आरोप लगाया है। अधिवक्ता ने शिकायत किया है कि सब रजिस्ट्रार चायल द्वारा नकली दस्तावेजों के आधार पर सरकारी सम्पत्तियों का फर्जी बैनामा कर दिया जाता है जिसमें बैनामा कार्यालय के लिपिक से लेकर सभी अधिकारी कर्मचारी शामिल रहते हैं फर्जी बैनामा करने के लिए सब रजिस्ट्रार द्वारा लंबा कमीशन लिया जाता है। अधिवक्ता ने आरोप लगाया है कि सब रजिस्टार द्वारा सही तरीके से कराये गए बैनामों में कमीशन की मांग की जाती है कमीशन नहीं देने पर धमकी दिया जाता है कि तुम्हारे बैनामा में कमी निकाल कर इसे शून्य करा दिया जाएगा, अधिवक्ता ने अपने आरोपों में बताया कि मेरे द्वारा चायल उप निबंधक कार्यालय में अवैध धन वसूली को लेकर मुख्यमंत्री को शिकायती पत्र भेजकर कार्यालय में व्याप्त भष्टाचार की जांच कराए जाने की मांग की गई है, चायल तहसील के उप निबंधक कार्यालय में दस्तावेज बैनामा, रजिस्ट्री, एग्रीमेंट आदि में विभाग द्वारा सरकारी शुल्क से दो प्रतिशत की अवैध धन उगाही की जाती है ।

जमीनओं की रजिस्ट्री कराने पर मालियत के आधार पर स्टांप लगाना होता है परंतु कार्यालय में चढ़ावे की बात तय होने पर मालियत चाहे कुछ भी हो स्टांप लगाने के बाद बैनामा हो जाएगा। कार्यालय में भारी लूट खसोट के चलते बैनामा धारकों में एक बानगी और देखने को मिली कि विक्रेता हरिजन है और क्रेता सामान्य तो आपको पांच हजार रुपये उप निबंधक को अतिरिक्त देना पड़ेगा सब काम हो जाएगा, अधिवक्ता ने बताया कि उन्होंने एक सही तरीके से बैनामा कराया है जिसमें उप निबंधक चायल द्वारा निर्धारित सरकारी शुल्क के बावजूद अवैध कमीसन की मांग की गई है जिसका विरोध करने पर उप निबंधक द्वारा धमकी दी गई है कि पैसा नही दोगे तो जांच में फाइल भेज दी जाएगी, फिलहाल पूरे मामले की शिकायत पीड़ित अधिवक्ता द्वारा मुख्यमंत्री से लेकर राजस्व परिषद तक किया गया है ।


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