ब्यूरो रिपोर्ट-सुरेश सिंह
कौशाम्बी : जनपद में जिलाधिकारी के निर्देश पर नगर पंचायतों में चला अवैध अतिक्रमण का अभियान इसी दौरान चायल में भी बुधवार को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई को लेकर जमकर चर्चा रही। इसी बीच नगर पंचायत कर्मियों व लेखपाल की टीम मौके पर पहुंची जरूर, लेकिन कार्रवाई महज़ औपचारिकता तक सीमित रही। नतीजा यह हुआ कि नगर पंचायत क्षेत्र में वर्षों से चले आ रहे अवैध कब्जे जस के तस बने हुए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि टीम ने सिर्फ कागज़ी खानापूर्ति कर अपनी रिपोर्ट ऊपर भेज दी, जबकि हकीकत यह है कि एक भी अतिक्रमण को नहीं हटाया गया। लोगों का आरोप है कि जिम्मेदार अधिकारी बार-बार सरकार को गुमराह करने का काम कर रहे हैं और फर्जी रिपोर्ट भेजकर अपनी पीठ थपथपा लेते हैं।
चायल नगर पंचायत के बाज़ार, मुख्य मार्ग में अवैध कब्जों के कारण पटरियों पर अवैध कब्जा से आम जनता को आए दिन परेशानियों और एक्सीडेंट का खतरा व जाम की समस्या बनी रहती है। कई बार तो पैदल चलना तक मुश्किल हो जाता है। ऐसे में जब प्रशासनिक टीम मौके पर पहुँची, तो लोगों को उम्मीद थी जगी थी कि अब कुछ राहत मिलेगी। लेकिन महज खानापूर्ति
आखिर क्यों करते हैं अधिकारी ऐसा काम...
ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि जब सरकार सख़्ती से अतिक्रमण हटाने के आदेश देती है तो फिर जमीनी स्तर पर लापरवाही क्यों आखिर कब तक अधिकारी सरकार को झूठी रिपोर्ट भेजकर गुमराह करते रहेंगे। लोगों का कहना है कि यदि प्रशासन ने ठोस कार्रवाई की होती तो बाज़ार से अतिक्रमण हटकर आम जनता को राहत मिलती। लेकिन खानापूर्ति वाली कार्रवाई ने लोगों का विश्वास कमजोर कर दिया है।
सूत्रों की मानें तो इस पूरे मामले की रिपोर्ट को गुमराह कर भेजी जाती है। अगर उच्चाधिकारियों ने संज्ञान लिया तो। गुमराह करने वाले अधिकारियों पर कार्यवाही हो सकती है वहीं, लोग यह भी कह रहे हैं कि जब तक प्रशासनिक टीम बिना दबाव और प्रभाव के ईमानदारी से काम नहीं करेगी, तब तक नगर पंचायत अतिक्रमण की समस्या से निजात नहीं पा सकेगा।
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