रिपोर्ट-फैजी जाफरी
कौशाम्बी : भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) भूषण रामकृष्ण गवई शनिवार को कौशांबी जनपद के आलमचंद गांव स्थित महेश्वरी प्रसाद इंटर कॉलेज पहुंचे। कॉलेज में आयोजित वार्षिकोत्सव समारोह में उन्होंने कहा कल का भारत कैसा होगा, यह आप पर निर्भर करता है। आप कैसी शिक्षा ले रहे हैं और क्या बनना चाहते हैं, यही देश का भविष्य तय करेगा। मुख्य न्यायाधीश ने छात्रों से कहा कि महात्मा गांधी के आदर्शों को अपनाते हुए जीवन में आगे बढ़ें और समाज में सकारात्मक बदलाव लाएं। गवई ने भावुक लहजे में कहा मैं यहाँ देश का चीफ जस्टिस बनकर नहीं, बल्कि जस्टिस विक्रम नाथ का बड़ा भाई होने के नाते आया हूँ। विक्रम से मेरे 20 साल पुराने पारिवारिक संबंध हैं। हमारी पहली मुलाकात 2019 में हुई थी, जब मैं चित्रकूट में न्यायाधीश था और वे इलाहाबाद हाईकोर्ट में थे। तभी से हमारे भाई जैसे संबंध बने। मैंने तभी ठान लिया था कि जब मैं चीफ जस्टिस बनूंगा, तब कौशांबी आऊंगा — आज वह संकल्प पूरा हुआ।
इस मौके पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश अरुण भंसाली, इलाहाबाद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. संगीता श्रीवास्तव, कॉलेज के प्रबंधक वत्सल नाथ और प्रधानाचार्य जितेंद्र नाथ श्रीवास्तव भी उपस्थित रहे। कार्यक्रम में छात्रों ने रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। कॉलेज परिसर में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, प्रशासनिक अधिकारी और पुलिस बल सुबह से ही तैनात रहे।
मुख्य न्यायाधीश गवई ने समारोह में मेधावी छात्रों को सम्मानित किया। इसके बाद वे इलाहाबाद विश्वविद्यालय पहुंचे, जहाँ उन्होंने “कांस्टीट्यूशन एंड कांस्टीट्यूशनलिज्म: द फिलॉसफी ऑफ डॉ. बी.आर. आंबेडकर” विषय पर सेमिनार में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने विश्वविद्यालय के लेक्चर कॉम्प्लेक्स, केमिस्ट्री विभाग के नए भवन और न्यू लाइब्रेरी बिल्डिंग का उद्घाटन भी किया।
कौन हैं मुख्य न्यायाधीश भूषण रामकृष्ण गवई...
भूषण रामकृष्ण गवई ने 12 नवंबर 2005 को बॉम्बे उच्च न्यायालय में स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदभार ग्रहण किया था। उन्होंने मुंबई, नागपुर, औरंगाबाद और पणजी पीठों पर कार्य किया। बतादें कि 24 मई 2019 को उन्हें भारत के सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
14 मई 2025 को वे देश के 51वें मुख्य न्यायाधीश बने।
जूता फेंकने की घटना से बनी थी सुर्खियां...
जानकारी के लिए आपको बतादें कि 6 अक्टूबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट में एक वकील ने मुख्य न्यायाधीश गवई पर जूता फेंकने का प्रयास किया था। हालांकि सुरक्षा कर्मियों ने उसे तत्काल पकड़ लिया। वकील “सनातन धर्म का अपमान बर्दाश्त नहीं होगा” के नारे लगा रहा था। इस पर सीजेआई गवई ने शालीनता से प्रतिक्रिया दी थी और कहा था — “ऐसी घटनाओं से मैं विचलित नहीं होता।
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