ब्यूरो रिपोर्ट-सुरेश सिंह
कौशाम्बी : जनपद का रहने वाला एक सेना का जवान औरंगाबाद में नक्सली हमले में घायल हो गया था, इलाज के दौरान उन्होंने दो दिन पहले अस्पताल में अंतिम सांस ली थी, जिसके बाद उनका पार्थिव शरीर अपने पैत्रिक गांव पहुंचा तो कोहराम मच गया अंतिम यात्रा में विधायक डीएम एसपी सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के अलावा तमाम ग्रामीणों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी सेना के जवानों ने सलामी दी इसके बाद राजकीय सम्मान के साथ शहीद के बड़े भाई ने चिता को मुखाग्नि दी जवान की मौत से उनके परिजनों में कोहराम मचा हुआ है ।
आपको बता दें कि पइंसा थाना क्षेत्र के रामसहायपुर गांव के लल्लू राम दिवाकर के बेटे नरेंद्र दिवाकर तेलंगाना के औरंगाबाद में भारतीय सेना के 72 टॉस्क फोर्स सिपाही के पद पर में तैनात थे घर में उनकी पत्नी, तीन बेटियां, माता, पिता सहित हरा भरा परिवार है, 3 जनवरी को वह रात में जवानों के साथ कांबिंग करने के बाद वापस कैंप लौट रहे थे तभी नक्सलियों ने उन पर हमला कर दिया था हमले में उनके सीने में गोली लगी, लगभग एक हफ्ते बाद जब उन्हें होश आया तो खुद ही फोन करके उन्होंने अपने परिजनों को घटना के बारे में जानकारी दी, इसके बाद परिजन तेलंगना अस्पताल में उनसे मिलने के लिए पहुंच गए थे, तबियत में उनके सुधार नहीं हो रहा था, 23 अगस्त की सुबह तकरीबन 7 बजे अंतिम सांस अस्पताल में ली, सेना के जवानों ने उनके शहीद होने की खबर परिजनों को दी तो परिजन पार्थिव शरीर लेने के लिए तेलंगना पहुंचे, बुधवार को जब उनका शव अपने पैत्रिक गांव पहुंचा तो अंतिम दर्शन के लिए आस-पास के तमाम ग्रामीणों की भीड़ लग गई ।
इसके अलावा सिराथू विधायक शीतला प्रसाद पटेल, मंझनपुर विधायक लाल बहादुर सहित डीएम सुजीत कुमार एवं एसपी राधेश्याम भी गांव पहुंचे, शहीद नरेंद्र दिवाकर के घर पर सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंच गए, इसके बाद घर से ही शव यात्रा निकाली गई, शव यात्रा में शहीद नरेंद्र दिवाकर अमर रहे के नारे लगते रहे, अंतिम संस्कार स्थल पर सेना के जवानों ने उन्हें सलामी दी, इसके बाद राजकीय सम्मान के साथ शहीद की बड़े भाई ने चिता को मुखाग्नि दिया ।
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