रिपोर्ट-नरेन्द्र कुमार द्विवेदी
कौशाम्बी : जनपद में हैंडपंपों की मरम्मत का जिम्मा ग्राम पंचायतों को दिया गया है और ग्राम पंचायतों द्वारा हैंडपंप की मरम्मत के नाम पर सरकारी खजाने को चपत लगाई जा रही है, फर्जी अभिलेखों के सहारे हैंडपंपों की मरम्मत का ढोंग हो रहा है प्रत्येक ग्राम पंचायत में दर्जनों हैंडपंप के नाम पर सरकारी खजाने से रकम निकाली जा चुकी है और हैंडपंप मरम्मत कराए जाने की औपचारिकता पूरी कर अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है, जबकि सच्चाई यह है कि ग्राम पंचायतों में 70% से अधिक हैंडपंप वर्तमान में खराब हैं जिन हैंडपंपों की मरम्मत कराई गई है वह हैंडपंप भी पानी नहीं उगल रहे हैं जिससे ग्रामीणों के सामने पानी की बिकराल समस्या उत्पन्न हो गई है, लेकिन जिन हैंडपंप को फर्जी तरीके से मरम्मत करा दिया गया उसे दोबारा मरम्मत कराने के लिए अधिकारी तैयार नहीं है, हैंडपंप मरम्मत के नाम पर जिले में करोड़ों का बजट निकाला जा चुका है वहीं बून्द बून्द पानी को ग्रामीण परेशान है कुछ गांव में तो काफी दूर से पानी लाकर ग्रामीण प्यास बुझाते हैं, छोटे-छोटे बच्चे भी बड़े बड़े बर्तनों में पानी लाने को मजबूर है हैंडपंप मरम्मत के नाम पर जिले में हुए बड़े खेल में आला अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है जिससे उनकी संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता है, हैंडपंप मरम्मत में हुए करोड़ों रुपए के खेल के मामले में योगी सरकार ने जांच कराई तो खंड विकास कार्यालय से लेकर विकास भवन तक के जिम्मेदार दोषी साबित होंगे, क्या योगी सरकार में हैंडपंप मरम्मत के नाम पर हुए करोड़ों के खेल में निष्पक्ष जांच हो पाएगी और दोषी दंडित होंगे, इस सवाल का जवाब आम जनता चाहती है इस बारे में मुख्य विकास अधिकारी से बात करने का प्रयास किया गया लेकिन काफी प्रयास के बाद भी बात नहीं हो सकी है ।
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