रिपोर्ट -न्यूज़ एजेंसी
गौतमबुद्ध नगर : जनपद के नोएडा में रविवार की दोपहर 2 : 30 बजे एक बड़ा विध्वंस किया गया, जब सेक्टर 93 ए में स्थित नियमों के खिलाफ बने ट्विन टॉवर को गिरा दिया गया, इस बिल्डिंग को ब्लास्ट के ज़रिए उड़ा दिया गया है, इस बिल्डिंग से जुड़े फैक्टस और अन्य जानकारी बेहद अहम है, मूल रूप से प्रत्येक टावर में 40 फ्लैट की संख्या निर्धारित की गई थी, हालांकि अदालत द्वारा निर्माण कार्य रोके जाने के बाद ऐसा हो नहीं सका, जबकि कुछ निर्माणों को पहले ही तोड़ दिया गया था अब एपेक्स टावर में 32 फ्लैट हैं और सियेन में यह संख्या 29 है इस योजना में 900 से ज्यादा फ्लैट होने थे, इनमें से दो-तिहाई बुक या बेच दिए गए थे, टविन टावर की ऊंचाई 103 मीटर है जबकि सियेन टॉवर 97 मीटर लंबा है, इन टॉवर को उड़ाने के लिए एडिफिस इंजीनियरिंग ने दक्षिण अफ्रीका के विशेषज्ञों के साथ करार किया है जिन्होंने 3 साल पहले जोहान्सबर्ग में एक बैंक बिल्डिंग को विस्फोट के जरिए गिराया था, इस इमारत की ऊंचाई 108 मीटर थी इससे पहले भारत में ब्लास्ट के जरिए उड़ाई गई सबसे ऊंची इमारत केरल में 68 मीटर थी, ट्विन टॉवर के आसपास 8 मीटर की दूरी पर कुछ अपार्टमेंट हैं. इसके अलावा 9 से 12 मीटर के अंदर भी कई अन्य बिल्डिंग्स हैं धमाके के दौरान धूल के प्रकोप से बचने के लिए उन्हें एक विशेष कपड़े में ढंक दिया गया है, ट्विन टॉवर को ब्लास्ट के जरिए उड़ाने के लिए खंभों में करीब 7,000 छेदकर उनमें विस्फोटक डाला गया ।
इन सबको एक साथ लाने के लिए 20,000 सर्किट बनाए गए हैं जैसे ही ब्लास्ट हुआ तो ये खंभों को इस तरह से टकराते हैं कि टावर सीधे नीचे आ गए इसे ‘वाटरफॉल तकनीक’ कहा जाता है, ब्लास्ट की यह प्रोसेस कब तक चलेगी इस पर प्रोजेक्ट इंजीनियर ने कहा कि, आज दोपहर 2.15 से 2.45 बजे तक ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे पर आधे घंटे के लिए ट्रैफिक रोक दिया जाएगा, ब्लास्ट वाली साइट से 100 मीटर की दूरी पर अफ्रीका के तीन विशेषज्ञ और कुछ अन्य सरकारी अधिकारी कुल 10 लोगों से अधिक मौजूद नहीं होंगे, धूल जमने में कितना समय लगेगा है इस सवाल का जवाब देते एक्सपर्ट्स ने बताया यदि हवा की गति सामान्य नहीं रही तो थोड़ा समय लग सकता है, ब्लास्ट के बाद मजदूर आस-पास की इमारतों की जांच करने के लिए आगे बढ़ेंगे और तुरंत मलबे पर काम करने लगेंगे, बेशक, मलबे को साफ होने में अधिक समय लगेगा क्योंकि 55,000 टन मलबा या 3,000 ट्रक, को ढोने में तीन महीने लगेंगे, विस्फोट के बाद इसका कंपन कुछ सेंकड के लिए 30 मीटर तक महसूस किया जाएगा, सरल शब्दों में यह कंपन रिक्टर पैमाने पर 0.4 तीव्रता के भूकंप के बराबर है, नागरिक सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आस-पास के इलाकों के निवासी रविवार की सुबह 7 बजे घरों से निकल चुके हैं ।
परियोजना अधिकारियों ने कहा कि शाम 4 बजे तक गैस और बिजली वापस बहाल कर दी जाएगी और निवासियों को 5.30 बजे तक वापस जाने की अनुमति दी जाएगी, लगभग 9 साल तक चली कानूनी लड़ाई के बाद अगस्त 2021 में इस मामले में अंतिम अदालती फैसला आया, सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट सोसाइटी के निवासियों ने पहली बार 2012 में अदालत का रुख किया था, जब इन टावरों को एक संशोधित भवन योजना के हिस्से के रूप में मंजूरी दी गई थी, ब्लास्ट के दौरान आसपास की इमारतों की सुरक्षा के लिए 100 करोड़ का बीमा है, इसकी प्रीमियम और अन्य लागतें सुपरटेक को वहन करनी होंगी, जबकि ट्विन टॉवर को ब्लास्ट करने की कुल लागत 20 करोड़ से अधिक हो सकती है वहीं सुपरटेक की इस इमारत को बनाने में 800 करोड़ रूपए लगे थे लेकिन इसे करने में केवल 9 सेंकड का समय लगेगा, ट्विन टॉवर को ब्लास्ट के जरिए उड़ाए जाने की खबर पिछले काफी दिनों से सुर्खियों में है, इसे अंजाम देने के लिए देश और विदेश के टेक्निशयन ने काफी समय तक मंथन करके ब्लास्ट की योजना बनाई है ताकि इससे किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचे ।
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