रिपोर्ट-जैगम हलीम
कौशाम्बी : जनपद में चरवा थानेदार की एक और नई करतूत सामने आई है जिसमें फिर थानेदार ने एक पीड़ित लड़की के साथ नाइंसाफी की है, जहां एक तरफ जोन की पुलिस पूरे उत्तर प्रदेश में आईजीआरएस के शिकायती मामलों में निस्तारण को लेकर अपने को नंबर वन बता रही है वहीं चरवा थानेदार जैसे पुलिस कर्मी खाकी की लुटिया डुबो रहे हैं, इससे साफ जाहिर हो रहा है कि आईजीआरएस में पुलिस कितनी सत्यता के साथ रिपोर्ट लगाती है, जबकि अधिकांश मामलों मनगढ़ंत और फर्जी रिपोर्ट लगकर मामले को निस्तारित दिखा दिया जाता हैं, थाना क्षेत्र के बलीपुर टाटा गांव की रहने वाली एक पीड़ित युवती ने थाना में शिकायती पत्र दिया देकर गुहार लगाई कि गांव का ही एक दबंग मनचला खेत जाते समय उसके पैर पर थूक दिया, पीड़िता ने जब इसका विरोध किया तो उक्त दबंग ने उसके साथ गाली गलौज और मारपीट किया, जिसके बाद मामले की शिकायत पीड़िता ने ने अपने परिजनों के साथ थाना चरवा में किया लेकिन चरवा पुलिस ने उसे जमीनी विवाद बताकर मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया, आरोप है कि पीड़ित के शिकायी पत्र से भन्नाकर मौजूदा थानेदार ने उसे डांट डपट कर थाने से भगा दिया और मामले में आरोपी से साठगांठ बना लिया ।
जिसके बाद पीड़िता ने आईजीआरएस के माध्यम से मामले की शिकायत किया इस पर भी थानेदार ने आईजीआरएस में आरोपी की मां और गुड्डू नाम के व्यक्ति को फर्जी गवाह बना दिया, रिपोर्ट में बताया कि मामला झूठा है, जबकि गवाह गुड्डू उर्फ अशोक कुमार से बात करने पर उसने बताया कि हमने कोई गवाही पुलिस को नहीं दी है हमारा नाम फर्जी पुलिस ने डाल दिया है, इससे साफ जाहिर हो रहा है कि चरवा थानेदार अलोक कुमार की कार्यशैली ठीक नहीं है वह थाना क्षेत्र में अपराधियों को संरक्षण दे रहे हैं, अगर ऐसा ही चलता रहा तो किसी ना किसी दिन जरूर कोई बड़ी वारदात कारित हो सकती है ।
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