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पारा हसनपुर में आपात्रों को आवास देकर मालामाल हो रहे पंचायत सचिव, गरीब कमजोर योजनाओं से वंचित...

रिपोर्ट-जैगम हलीम


कौशाम्बी : जनपद में अधिकारियों की घोर उदासीनता और कर्मचारियों की सांठगांठ कमीशनखोरी के चलते प्रधानमंत्री आवास योजना अपने उद्देश्य से भटक चुकी है गरीब कमजोर प्रधानमंत्री आवास का लाभ पाने के लिए दर दर की ठोकर खा रहे हैं जबकि अपात्र लोगों को प्रधानमंत्री आवास का लाभ खुलेआम दिया जा रहा है मंझनपुर विकासखंड क्षेत्र के पारा हसनपुर ग्राम पंचायत में आर्थिक स्थिति से संपन्न पक्के मकान वाले कई लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का गलत तरीके से लाभ दिया जा चुका है लेकिन अभी तक खंड विकास अधिकारी मंझनपुर ने अपात्र लोगो के आवास स्वीकृत के मामले को संज्ञान लेकर आवास निरस्त कर उनको दिए गए पहली किस्त की रिकवरी नहीं कराई है जिससे खंड विकास अधिकारी कार्यालय मंझनपुर से लेकर विकास भवन के अधिकारियों की मनसा का भी अंदाजा लगाया जा सकता है, ग्रामीणों ने बताया कि पारा हसनपुर गांव में दर्जनों गरीब पीएम आवास योजना का लाभ पाने के लिए आए दिन विकास भवन से लेकर खंड विकास अधिकारी कार्यालय तक का चक्कर काट रहे है लेकिन उन्हें प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत नहीं किया गया है जबकि गांव में 29 आवास स्वीकृत किए गए हैं जिनमें 15 अपात्र लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दे दिया गया है कई बार शिकायत किए जाने के बाद भी आपात्रों के आवास निरस्त नहीं हो सके हैं बताया जाता है कि आपात्रों को आवास दिए जाने के मामले में दो पंचायत सचिव की भूमिका सवालों के घेरे में है जिन्हें बचाने का प्रयास अधिकारी लगातार कर रहे हैं, बताया जाता है कि मंझनपुर विकासखंड क्षेत्र के पारा हसनपुर गांव में संजना देवी पत्नी बलबीर सिंह को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया गया है जिनके पास मुख्य सड़क पर 6 कमरे का पक्का घर पहले से बना है खेती किसानी के साथ-साथ तमाम अन्य आय के स्रोत हैं घर में गैस चूल्हा और सिलेंडर होने के बाद इन्हें पंचायत सचिव ने गरीब मानकर आवास योजना से लाभान्वित कर दिया है गांव के कुंदन सिंह पुत्र मोतीलाल के पास भी पांच कमरा का पक्का मकान पहले से बना हुआ बताया जाता है लेकिन फिर भी इन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभान्वित कर दिया गया है अर्जुन सिंह पुत्र रामलाल का भाई सरकारी अध्यापक है अर्जुन सिंह के पास पक्के घर बने हुए हैं और अर्जुन सिंह के भाई के पास भी पक्का घर गांव में भी बना है ओसा चौराहा में भी इनका पक्का घर बना है संयुक्त परिवार है लेकिन फिर भी अर्जुन सिंह को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिया जा चुका है गांव के यमन सिंह पुत्र मुंसी सिंह के पास भी 6 कमरे का पक्का मकान पहले से बना हुआ है, इनके पास ट्रैक्टर बाइक और अन्य तमाम संसाधन होने के बाद भी प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत कर दिए गए हैं अब सवाल उठता है कि प्रधानमंत्री आवास योजना की अधिकारियों ने कैसे निष्पक्ष जांच की है जिससे अपात्रों को पीएम आवास स्वीकृत हो गए हैं और गरीब कमजोर मजलूम और योजना के पात्रों को पीएम आवास नहीं मिल सके हैं अपात्रों के गलत तरीके से पीएम आवास स्वीकृत होने के मामले में योजना से जुड़े अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं और यदि योजना से जुड़े अधिकारियों के कारनामों की जांच कराई गई तो आपात्रों को आवास स्वीकृत कर पहली क़िस्त दिए जाने के मामले में कई अधिकारियों पर गाज गिरना तय है ।

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