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कड़ी सुरक्षा के बीच हुआ संजीव जीवा का अंतिम संस्कार, दवा बांटते बांटते बना था कुख्यात अपराधी...

रिपोर्ट-न्यूज़ एजेंसी
 
शामली : जनपद के एक अस्पताल में मरीजों को दवा बांटते बांटते कंपाउंडर संजीव जीवा ने अपराध की राह ऐसी पकड़ी कि फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा, हत्या, अपहरण, डकैती, जानलेवा हमले, संपत्ति कब्जाने जैसी अनगिनत वारदातों को अंजाम देने के बाद प्रदेश का कुख्यात अपराधी बन गया था, बुधवार को लखनऊ कोर्ट में पेशी के दौरान कुख्यात संजीव जीवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई, गुरुवार को उसका शव शामली के आदमपुर गांव में पहुंचा, जहां उसका अंतिम संस्कार किया गया, क्षेत्र में पुलिस बल तैनात किया गया है पुलिस ने काफी संख्या में मौके पर मौजूद लोगों को वापस भेजा है, मुजफ्फरनगर जिले की गैंगस्टर कोर्ट में बुधवार को संजीव जीवा पर दर्ज मुकदमे की भी सुनवाई होनी थी मगर उसे लखनऊ की अदालत में पेश किया गया, विशेष लोक अभियोजक दिनेश सिंह पुंडीर ने बताया कि खतौली के मुकदमे में बुधवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन लखनऊ कारागार से जीवा को पेशी पर नहीं लाया गया, इससे पहले मई में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या पांच, गैंगस्टर कोर्ट से जिला कारागार लखनऊ को जीवा की पेशी के लिए पत्र लिखा गया था इस कोर्ट में उस पर तीन मुकदमे चल रहे थे, जेलर ने जवाब दिया था कि एससीएसटी के मुकदमे में पेशी के चलते मुजफ्फरनगर में जीवा को पेश किया जाना संभव नहीं हो रहा है ।

इसके बाद सुनवाई के लिए सात जून यानी बुधवार की तिथि तय की गई, इस बार भी जीवा को मुजफ्फरनगर के बजाय लखनऊ की एससीएसटी कोर्ट में पेश किया गया, इसी दौरान उसकी हत्या कर दी गई, कुख्यात संजीव माहेश्वरी जीवा पर गोलियां दागने के लिए हमलावर घात लगाए बैठा था वह वकील के लिबास में था, इसलिए उस पर किसी तरह का शक नहीं हुआ, जैसे ही अपने केस की बारी आते ही जीवा कोर्ट रूम के कठघरे की तरफ चला आरोपी विजय यादव ने उसपर ताबड़तोड़ गोलियां दागनी शुरू कर दीं, पलक झपकते ही जीवा ढेर हो गया। गोलियां रिवॉल्वर से दागी गई, पुलिस ने छह खोखे बरामद किए है यानी पूरी रिवाॅल्वर खाली कर दी, सूत्रों के मुताबिक संजीव के पहुंचने से काफी पहले ही विजय कोर्ट परिसर में पहुंच गया था काली कोट, हाथों में फाइलें लिए एससी-एसटी कोर्ट रूम के बाहर वह बैठ गया ।

संजीव जीवा का अंतिम संस्कार शामली जनपद के आदमपुर गांव में किया गया, संजीव जीवा की पत्नी अंतिम संस्कार में नहीं पहुंच सकी, वहीं उसके अंतिम संस्कार से पहले ही बहन संजीव जीवा के बच्चों को लेकर आदमपुर पहुंच गई थी, कड़ी सुरक्षा के बीच अंतिम संस्कार परिजनों की मौजूदगी में किया गया, क्षेत्र में पुलिस बल तैनात है इससे पहले बुधवार शाम को खाली पड़े उसके पुश्तैनी मकान की सफाई करा दी गई, साथ ही बिजली आपूर्ति भी सुचारू करा दी गई, फिलहाल संजीव जीवा की हत्या को लेकर गांव में जगह जगह चर्चाएं हो रही हैं, संजीव जीवा के पुश्तैनी मकान खाली पड़ा है जबकि एक अन्य मकान का निर्माण गांव के मुख्य मार्ग पर कराया जा रहा था करीब तीन साल पहले पुलिस ने गांव में पहुंचकर मकान का निर्माण रुकवा दिया था तब से मकान का निर्माण अधूरा पड़ा है ।

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