रिपोर्ट-अशीष विश्वकर्मा
महोबा : जनपद में 17 सितम्बर को विश्वकर्मा जयंती बड़े ही हर्षोल्लास एवं श्रद्धा भाव से मनाई गई। इस अवसर पर सर्व समाज द्वारा भगवान विश्वकर्मा की पूजा एवं भव्य शोभायात्रा का आयोजन किया गया। शोभायात्रा का शुभारंभ बड़ी चंडिका मंदिर परिसर से हुआ, जो महोबा शहर के मुख्य मार्गों से होते हुए बिलबई रोड करिया पठवा तक लगभग 5 किलोमीटर की परिक्रमा कर विश्वकर्मा मंदिर में जाकर संपन्न हुई। इस शोभायात्रा में नगर एवं क्षेत्र के सैकड़ों लोग श्रद्धाभाव से शामिल हुए। आयोजन में विश्वकर्मा आर्मी महोबा के सभी पदाधिकारी विशेष रूप से उपस्थित रहे, जिनमें प्रदेश महामंत्री कृष्णा विश्वकर्मा, जिला अध्यक्ष केशव विश्वकर्मा, जिला महामंत्री आशीष विश्वकर्मा समेत समस्त पदाधिकारी शामिल रहे। पूरे नगर में शोभायात्रा का भव्य स्वागत हुआ और जगह-जगह पुष्पवर्षा कर श्रद्धालुओं ने भगवान विश्वकर्मा के जयकारे लगाए।
जानते हैं भगवान विश्वकर्मा की कथा...
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि का प्रथम शिल्पकार और वास्तुकार माना जाता है। उन्हें देवताओं का दिव्य अभियंता भी कहा जाता है। मान्यता है कि स्वर्गलोक, द्वारका नगरी, हस्तिनापुर, इंद्रप्रस्थ, सोने की लंका और भगवान शिव का त्रिशूल जैसी अद्भुत रचनाएँ विश्वकर्मा जी की ही देन हैं। भगवान विश्वकर्मा को हर प्रकार की तकनीक, वास्तुकला और शिल्पकला का जनक माना जाता है। विश्वकर्मा जयंती पर लोग अपने-अपने कार्यस्थलों, मशीनों, औजारों और वाहनों की पूजा कर सुख-समृद्धि एवं कार्य में उन्नति की कामना करते हैं।
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