ब्यूरो रिपोर्ट-सुरेश सिंह
कौशाम्बी : जनपद में चायल सर्किल अंतर्गत विकास खंड चायल के रसूलाबाद ऊर्फ कोइलहा गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय से बेलगाम प्रधान अध्यापिका की करतूत सामने आई है, गांव के ही रहने वाले एक व्यक्ति रामदीन कुशवाहा ने बताया कि वह अपने पुत्र सुधांशु 9 वर्ष का एडमिशन कराने के लिए गांव में ही स्थित प्राथमिक विद्यालय पर गया था, जहां पर मौजूद प्रधान अध्यापिका ने उसके बच्चे का एडमिशन करने से मना कर दिया ।
जब बच्चे के पिता ने एडमिशन नहीं करने का कारण पूछा तो प्रधानाध्यापिका के तेवर शख्त हो गए और निगाहें तिरछी करते हुए उसे बुरा भला सुनाने लगी, प्रधानाध्यापिका ने कहा कि कोरोना काल का चल रहा है अभी तक सो रहे थे क्या, जगह फुल हो गई है एडमिशन नहीं हो सकता, ज्यादा दिमाग ना लगाओ नहीं तो जेल की हवा खिला दूंगी, प्राथमिक विद्यालय की प्रधानाध्यापिका के ऐसे कारनामे से साफ जाहिर हो रहा है कि वह पूरी तरह से बेलगाम हो गई है और सरकार की मंशा पर पानी फेर रही है, जहां एक तरफ सरकार शिक्षा को बढ़ावा देना चाहती है घर-घर तक शिक्षा को पहुंचाना चाहती है वहीं अपने ऐसो आराम के लिए ऐसी बेलगाम प्रधानाध्यापक ऐसी महत्वकांक्षी योजनाओं को पलीता लगा रही है ।
आखिर क्या कहते हैं ग्रामीण, रसूलाबाद उर्फ कोइलहा ग्राम पंचायत के रहने वाले बैजू लाल, आकाश, मन्ना देवी, अबरार, राम सिंह, कलावती आदि ग्रामीणों का कहना है कि प्राथमिक विद्यालय में महिला अध्यापिकाओं की वजह से कोई भी बुद्धिजीवी वर्ग का व्यक्ति विद्यालय में नहीं जाता है, विद्यालय की तमाम कमियां सामने आती रहती हैं अगर कोई ग्रामीण इसका विरोध करने विद्यालय पहुंच जाता है तो महिला होने का फायदा उठाकर वहां मौजूद अध्यापिकाएं उन पर कई मनगढ़ंत आरोप लगाने लगती हैं, यहां तक की अपनी पहुंच और कमीशन खोरी के चलते, अपनी कमियों को छिपाने के लिए थाना तक पहुंच जाती है जहां पर झूठा शिकायती पत्र देकर अपने साथ छेड़छाड़, छींटाकशी जैसे अन्य आरोपों पर उतर आती हैं इसीलिए ग्रामीण विद्यालयों में जाने की हिमाकत नहीं जुटा पाते हैं ।
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