ब्यूरो रिपोर्ट-सुरेश सिंह
कौशाम्बी : जनपद में कृषि विज्ञान केंद्र, कौशाम्बी के परिसर में एक दिवसीय पैरावेट पशु इंसेमिनेटर (कृत्रिम गर्भाधान) प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य जनपद में पशुओं में कृत्रिम गर्भाधान को बढ़ावा देना, पशु अनुर्वरता सुधार और सेक्स सोर्टेड सीमेन तकनीक की नवीन जानकारी से प्रतिभागियों को अवगत कराना था। कार्यक्रम में केन्द्र के पशुपालन वैज्ञानिक डॉक्टर आशीष श्रीवास्तव, डॉ. प्रदीप कुमार, पशु चिकित्साधिकारी भरवारी, तथा वीरबैक फार्मा के तकनीकी अधिकारी आलोक तिवारी और अमरेश जी ने प्रतिभागियों से संवाद किया। उन्होंने पशुओं में उत्पन्न हो रही समस्याओं जैसे — गर्मी में न आना, बार-बार खाली रहना, गर्भधारण न होना, नर संतान की अधिकता और दुग्ध उत्पादन में कमी — पर विस्तार से चर्चा की और तकनीकी समाधान प्रस्तुत किए। विशेषज्ञों ने पशुओं में सही समय पर कृत्रिम गर्भाधान, हरा चारा प्रबंधन, पोषक तत्वों (विटामिन व खनिज) का संतुलित उपयोग, तथा देसी गौवंश एवं महिष वंश के सुधार हेतु सोर्टेड सीमेन के प्रयोग की तकनीकी जानकारी दी। साथ ही, पशुधन नीति के तहत पशुपालकों को स्वरोजगार के रूप में गर्भ जांच, पशु पोषण, टीकाकरण एवं प्राथमिक उपचार सेवाओं के महत्व से भी अवगत कराया गया।
वैज्ञानिकों ने ग्रामीण स्तर पर पशुपालकों को पशु नस्ल सुधार, पशु देखभाल, समयानुसार टीकाकरण तथा छोटे पशुओं (विशेषकर बकरी) में कृत्रिम गर्भाधान तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में जनपद के मूरतगंज, चायल, सिराथू, कड़ा और नेवादा ब्लॉकों के कुल 20 पशु इंसेमिनेटर ने सहभागिता की। प्रशिक्षण के अंत में वीरबैक फार्मा की ओर से सभी प्रतिभागियों को दवा किट और प्रैक्टिस बैग प्रदान किए गए। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण पशुपालकों को आधुनिक पशु प्रबंधन तकनीकों से जोड़कर उनकी आय में वृद्धि सुनिश्चित करना है।
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