रिपोर्ट-सुल्तान मोहम्मद
कौशाम्बी : जनपद में तहसील चायल के कर्मचारी, लेखपाल, कानूनगो अपनी घटिया कार्यशैली के चलते हमेशा सुर्खियों में बने रहते हैं, तहसील चायल के लेखपाल, कानूनगो अपने हित लाभ के चलते तहसील के अधिवक्ताओं और वादकारियों का कोई भी कार्य समय से नहीं करते हैं, जिसे लेकर तहसील के वादकारियों और अधिवक्ताओं में रोष व्याप्त हो गया है, बता दें की चायल तहसील में अधिवक्ताओं ने बुधवार को एसडीएम के ज्ञापन देते हुए कहा की दफा 34 की फाइलें डंप पड़ी है, जिसे लेखपाल, कानूनगो जब तक पैसे नहीं पा जाते तब तक कोई नआ कोई बहाना बता कर फाइल को पेंडिंग में डाल देते है, इसी प्रकार 116 की पत्रावली या फाट बनाने हेतु लेखपाल के यहां 1 साल से 2 साल तक पड़ी रहती है, धारा 38 की फाइलें आरके की रिपोर्ट आने के बावजूद भी अवैधानिक वसूली के चक्कर में धूल फांकती रहती है, लेखपाल का बयान लिया जाना कहां तक सही है, साथ ही धारा 24 की पत्रावली में पैसे जमा होने के बाद भी कानूनगो द्वारा समय सीमा के अंदर नाप नआ किया जाना तथा नाप हो जाने के बाद पत्थर गढ़ी ना किया जाना जैसे मामले सामने आते रहते हैं, बिना दलाली बाजारी के लेखपाल, कानूनगो आगे फाइल नही बढ़ाते है, इससे आम जनमानस ही नही बल्कि तहसील परिसर के अधिवक्ता भी परेशान हो जाते है ।
इन्ही सब समस्याओं को लेकर बुधवार के दिन अधिवक्ताओं ने तहसील में बैठे कर्मचारियों के खिलाफ नारे बाजी करते हुए एसडीएम चायल को एक ज्ञापन सौंपा है जिसमे मांग करते हुए कहा कि अगर लेखपाल और कानूनगो का रवैया इसी तरह रहा तो चायल तहसील के अधिवक्ता यह बर्दाश्त नहीं करेंगे, अगर इनके विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं होती तो हमारा विरोध प्रदर्शन उग्र रूप ले सकता है, इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की मानी जायेगी, इस दौरान बार एसोसिएशन के मंत्री सगीर अहमद, बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मानसिंह एडवोकेट, बांके लाल पाल, एडवोकेट राधे मोहन, एडवोकेट एसपी यादव, एडवोकेट राम नरेश पटेल, एडवोकेट मनोज साहू, एडवोकेट एसके मिश्रा, एडवोकेट कमल नारायण पांडे, एडवोकेट सुल्तान मोहम्मद, रोहित आदि सैकड़ों अधिवक्तागण मौजूद रहे ।
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