रिपोर्ट- जैगम हलीम
कौशाम्बी : देश में पेट्रोल डीजल से लेकर रसोई गैस और सीएनजी तक के दाम बढ़ते जा रहे हैं और इसका असर हर क्षेत्र में बेहताशा महंगाई के रूप में देखने को मिल रहा है!थोक महंगाई और खुदरा महंगाई चिंताजनक स्तर पर हैं! औद्योगिक उत्पादन से लेकर खाने पीने तक की चीजों की लागत अगर बढ़ रही है तो इसका बड़ा कारण र्इंधन की महंगाई है! ऐसी हालत में इसका सीधा असर आर्थिक वृद्धि पर पड़ेगा। दरअसल महंगाई की मार से आम आदमी बुरी तरह त्रस्त है लोगों के लिए खर्च चला पाना मुश्किल हो रहा है रोजगार की स्थिति किसी से छिपी नहीं है और आमदनी हो नहीं रही। देश की आबादी का बड़ा हिस्सा गंभीर आर्थिक संकट से जूझ रहा है ऐसे में आर्थिक गतिविधियां सामान्य स्थिति में कैसे आ पाएंगी यह बड़ा सवाल है। राहत की बात फिलहाल इतनी ही है कि अर्थव्यवस्था कोरोना महामारी और ओमीक्रान के संकट से उबरने लगी है! कोयला सीमेंट कच्चा तेल प्राकृतिक गैस बिजली डाले चावल और इस्पात व उवर्रक जैसे क्षेत्रों में तेजी का रुख बनता दिख रहा है!लेकिन इन सब पर महंगे कच्चे तेल का असर तो पड़ने ही लगा है महंगाई बढ़ने का सिलसिला यहीं से शुरू हो जाता है!मतलब साफ है कि अर्थ व्यवस्था के लिए महंगाई गंभीर संकट के रूप में सामने है!ऐसे में आर्थिक वृद्धि दर पर असर पड़ने की आशंका से इनकार कैसे किया जा सकता है।
0 Comments