रिपोर्ट-न्यूज़ एजेंसी
लखनऊ : ज्योतिष शास्त्र के अनुसार आपके जीवन में बार बार परेशानी आ रही हो यानी कि एक खत्म और दूसरी शुरू हो जाए तो यह जान लें कि आपकी कुंडली में पाप ग्रहों का प्रकोप जरुर है, ऐसे में इन्हें पहचान कर उपाय करने से अशुभ फलों से बचा जा सकता है ये पाप ग्रह कौन से हैं, इनसे क्या नुकसान होता है और ज्योतिष शास्त्र ने इनसे राहत पाने के लिए क्या उपाय बताए गए हैं, यदि आपके जीवन में लगातार धन की कमी हो तो ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक यह ‘केमद्रुम योग’ के कारण हो सकत है इस पाप योग का निर्माण चंद्रमा से होता है जब कुंडली में चंद्रमा द्वितीय या फिर बारहवें घर में हो और उसके आगे या फिर कोई ग्रह न हो तो इस स्थिति में केमद्रुम योग बनता है, यह योग से व्यक्ति जीवन भर किसी न किसी संकट से परेशान रहता है ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक इस ग्रह का प्रकोप दूर करने के लिए शुक्रवार को गुलाब के फूलों से मां लक्ष्मी की पूजा करें और खीर का भोग लगाएं यह योग चंद्रमा की वजह से बनता है इसलिए सफेद चीजों का दान करना चाहिए ।
कुंडली के किसी भी भाव में चंद्रमा के साथ राहु और केतु बैठे हों तो यह ग्रहण योग बनाते हैं इसके साथ अगर सूर्य भी हों तो यह व्यक्ति की मानसिक स्थिति को प्रभावित करता है इस योग के कारण जीवन में स्थिरता नहीं होती है उसे ना चाहते हुए भी नौकरी और व्यवसाय में बार बार बदलाव करते रहना पड़ता है इसकी शांति के लिए सूर्य और चंद्र की पूजा करनी चाहिए साथ ही आदित्यहृदय स्तोत्र का नियमित पाठ करना चाहिए इससे ग्रह दोष का प्रभाव कम होता है, यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में बृहस्पति के साथ राहू मौजूद हो तो चांडाल योग का निर्माण होता है यह शिक्षा प्राप्त करने में व्यवधान उत्पन्न करता है साथ ही यह व्यक्ति को सदैव कर्ज में दबाए रखता है, लाख कोशिशों के बावूजद भी व्यक्ति को कर्ज से मुक्ति नहीं मिलती है ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक यदि गुरुवार को पीली दालों का दान किया जाए तो इससे कुछ हद तक राहत मिल सकती है इसके अलावा गणेश जी को पीली मिठाई का भोग लगाना चाहिए ।
ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक मंगल जब लग्न, चतुर्थ, सप्तम, अष्टम या द्वादश भाव में हो तो यह कुज योग इसे मंगलिक योग भी कहते हैं इसके होने से वैवाहिक जीवन में होने वाली उलझनों की वजह से व्यक्ति परेशान रहता है, इसकी शांति के लिए पीपल या वटवृक्ष में नियमित रूप से जल चढ़ाना चाहिए मूंगा तांबे में धारण करना और 35 साल के बाद विवाह करना शुभ रहता है, लग्नेश आठवें घर में बिना किसी शुभ ग्रह के हो तो यह षडयंत्र योग बनाता है व्यक्ति के जीवन में अपनों से धोखे का योग बनाता है, इसके अलावा जिस भी जातक की कुंडली में यह योग बनता है उसकी धन सपंत्ति छीनी जाने की भी आशंका बनी रहती है इसके अलावा विपरीत लिंगी इन्हें भारी मुसीबत में डाल सकते हैं, ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक इस ग्रह के प्रकोप से राहत पाने के लिए सोमवार को शिवलिंग पर सफेद फूल और बेलपत्र अर्पित करना चाहिए शिवजी को पंचामृत स्नान करवाना भी शुभ रहता है, यदि किसी जातक की कुंडली में किसी भाव का स्वामी त्रिक स्थान यानी कि 6वें, 8वें और 12 वें स्थान पर बैठा हो तो उसके प्रभाव धूमिल हो जाते हैं समाज में उसे मान-सम्मान नहीं मिलता है ज्योतिषशास्त्र के मुताबिक इस पाप ग्रह से मुक्ति पाने के लिए व्यक्ति को हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए ।
कुंडली में चंद्रमा पाप ग्रहों जैसे शनि, मंगल, राहु, केतु के साथ त्रिक स्थान यानी तीसरे, छठे, आठवें और बारहवें घर में बैठा हो तो यह अल्पायु योग बनाता है इससे जातक के जीवन पर सदैव संकट बना रहता है साथ ही उसकी आयु भी कम हो जाती है, ज्योतिष शास्त्र कहता है कि जातक को नियमित रूप से महामृत्युंजय मंत्र की एक माला रोज करनी चाहिए साथ ही बुरे कार्यों में लिप्त होने से बचना चाहिए, दान पुण्य के कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए ऐसा करने से व्यक्ति को इस पापक ग्रह से शांति मिल सकती है ।
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