रिपोर्ट-न्यूज़ एजेंसी
दिल्ली : अपनी मांगों को लेकर नाराज किसानों को काफिला लगातार दिल्ली की ओर बढ़ रहा है ऐसे में सरकार की तरफ से उन्हें रोकने का पूरा प्रबंध किया जा रहा है सरकार द्वारा पुलिस के अधिकारियों और सुरक्षा एजेंटीयों को रोकने की जिम्मेदारी दी गई है कहा गया है कि किसी भी कीमत पर किसान दिल्ली में घूसने नहीं पाए, जबकि किसानों का कहना है कि सरकार ने उनकी मांगों को लेकर वादा खिलाफी किया है जिससे वह एक बार फिर दिल्ली जाकर सरकार को उसका वादा याद दिलाना चाहते हैं, पिछली बार जब किसान दिल्ली आए थे तो बहुत बड़ा बवाल खड़ा हो गया था इस बार सरकार नहीं चाहती कि किसानों की वजह से दिल्ली में कोई बवाल खड़ा हो, बताते चलें कि अपनी मांगों के हिसाब से कानून बनाने के लिए पंजाब हरियाणा और उत्तर प्रदेश के किसान राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, किसान संगठनों के ट्रैक्टर दिल्ली की तरफ कूच करने लगे हैं जिसके बाद से दिल्ली के सभी बॉर्डर पर पुलिस और जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा किसानों को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, जानकारी के अनुसार किसान करीब 2500 ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली की ओर आ रहे हैं इन्हें हरियाणा में रोकने के लिए 2 स्टेडियम में अस्थाई जेल बनाई गई हैं, किसानों के प्रदर्शन का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा है सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने सीजेई को चिट्ठी लिख मामले में स्वतः संज्ञान लेने को कहा है इस पर सीजेआई ने कहा कि अगर किसी को जाम से दिक्कत है तो हमें बताएं, वही जिम्मेदार अधिकारियों का भी कहना है कि किसने की भीड़ में जो उपद्रवी किस है उन्हें चिन्हित करके अस्थाई जिलों में डाला जाए जिस किसी भी आम जनमानस को कोई नुकसान ना पहुंचे, पंजाब हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर पहुंचे किसानों पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले दाग दिए हैं जिससे किसानों को भीड़ तितर बितर हो गई, ऐसे ही सभी बॉर्डरों पर पुख्ता इंतजामों के साथ पुलिस मौजूद है ड्रोन के सहारे भी किसानों का रोकने का पूरा सिस्टम तैयार किया गया है बार्डरों पुलिस लगातार किसानों को दिल्ली में आने से रोकने का प्रयास कर रही है, किसानों के इसी मामले को लेकर विपक्षीय पार्टियां भी भाजपा सरकार को घेर रही है राहुल गांधी से लेकर अखिलेश यादव तक भाजपा सरकार पर तीखी टिप्पणी चुके हैं विपक्षी पार्टियों के लोग किसानों को मुद्दा बनाकर सरकार पर निशाना साध रहे हैं अपनी-अपनी मन की भड़ास को बाहर निकाल रहे हैं, वहीं किसानों का कहना है कि हम शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करके अपनी मांग सरकार तक पहुंचाना चाहते हैं हमें राजनितिक पार्टीयों और राजनीति से कोई लेन देन नहीं है सरकार ने अपने किए गए वादों को पूरा नहीं किया इसीलिए हम लोग दोबारा आंदोलन के लिए दिल्ली पहुंच रहे हैं ।
Former Protest 2024 : kisanon ka pradarshan
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