ब्यूरो रिपोर्ट-सुरेश सिंह
प्रयागराज : जनपद में नारायण स्वरुप हॉस्पिटल मुंडेरा के डॉक्टरों ने साँप के डसने से गंभीर हालत में पहुँचे एक मरीज की जान बचाकर मिसाल कायम की है। मिली जानकारी के अनुसार बलवंत सिंह (58 वर्ष) निवासी फरीदपुर गौसपुर ब्लॉक मूरतगंज ज़िला कौशाम्बी अपने खेत में काम कर रहे थे। इस दौरान उनके पैर के नीचे कोबरा साँप दब गया, जिसने उन्हें दो बार डस लिया। घटना के बाद परिजन घबराकर पहले झाड़-फूँक कराने लगे, जिससे मरीज की हालत और ज्यादा बिगड़ गई। गंभीर स्थिति में जब परिजन बलवंत सिंह को नारायण स्वरुप हॉस्पिटल लेकर पहुँचे, तब वह कोमा में थे। डॉक्टरों ने तत्काल ICU में भर्ती कर उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा और कृत्रिम साँस (Artificial Ventilation) दी। विशेषज्ञों की टीम ने तुरंत 20 Anti-Snake Venom (ASV) इंजेक्शन लगाए। लगातार इलाज और निगरानी से मरीज की स्थिति में सुधार हुआ। 24 घंटे के भीतर हालात सामान्य होने लगे और तीसरे दिन मरीज को होश आ गया। धीरे-धीरे उनका लकवा भी समाप्त हो गया। वर्तमान में बलवंत सिंह पूरी तरह स्वस्थ होकर सामान्य वार्ड से डिस्चार्ज हो चुके हैं जो अब ठीक हालत में हैं।
डॉक्टर राजीव सिंह का सफल रहा प्रयास...
इलाज करने वाली डॉक्टरों की टीम में डॉक्टर राजीव सिंह (एडवांस लेप्रोस्कोपिक सर्जन), न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर मोहम्मद तारिक, डॉक्टर अशरफ, डॉक्टर मसरूर और डॉक्टर एपी सिंह शामिल रहे। यह घटना स्पष्ट करती है कि साँप के डसने पर झाड़-फूँक पर भरोसा करना जानलेवा हो सकता है। समय पर अस्पताल पहुँचकर आधुनिक चिकित्सा (ASV + ICU care) ही जीवन बचा सकती है।
साँप के डसने पर दिखने वाले प्रमुख लक्षण...
जैसे चक्कर आना, घबराहट, साँस लेने में कठिनाई, आँखों की पुतलियों का सिकुड़ना, हाथ-पाँव में कमजोरी या लकवा, बेहोशी या कोमा में चले जाना। वहीं नारायण स्वरुप हॉस्पिटल ने एक बार फिर साबित किया है कि विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम और समय पर इलाज से गंभीर से गंभीर मरीज की भी जान बचाई जा सकती है।
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