ब्यूरो रिपोर्ट-सुरेश सिंह
कानपुर : जनपद में समाजवादी पार्टी सपा के कद्दावर नेता और पूर्व विधायक इरफान सोलंकी को गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने इरफान के साथ उनके भाई रिजवान सोलंकी और इजराइल अटेवाला को भी जमानत दे दी है। इरफान सोलंकी फिलहाल महाराजगंज जेल में बंद हैं और बीते 24 महीनों से जेल में निरुद्ध थे। अब उनकी रिहाई का रास्ता साफ हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मामले की सुनवाई 2 सितंबर को पूरी हो गई थी और जस्टिस समीर जैन ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिसे आज यानी 25 सितंबर को जारी किया गया। हाई कोर्ट ने तीनों आरोपियों की जमानत याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई करते हुए राहत दी।
बचाव और अभियोजन की दलीलें....
इरफान की ओर से दायर याचिका में उनके वकीलों ने कहा कि इस केस में अन्य आरोपियों को पहले ही जमानत मिल चुकी है। ऐसे में समानता के सिद्धांत के तहत इरफान को भी जमानत मिलनी चाहिए। वहीं सरकार की ओर से पेश वकील ने आपत्ति जताते हुए कहा कि इरफान मुख्य आरोपी हैं, इसलिए उन्हें जमानत नहीं मिलनी चाहिए। लेकिन हाई कोर्ट ने बचाव पक्ष की दलीलों को मानते हुए जमानत मंजूर कर ली।फैसले के बाद इरफान की पत्नी और मौजूदा विधायक नसीम सोलंकी परिवार संग हाई कोर्ट पहुंचीं। उन्होंने कहा हम हाई कोर्ट के फैसले से बहुत खुश हैं अब इंसाफ मिला है।
इरफान सोलंकी का राजनीतिक सफर...
इमरान का जन्म 1979, अजमेर (राजस्थान) में हुआ है उनके पिता हाजी मुश्ताक सोलंकी, जो मुलायम सिंह यादव के करीबी सहयोगी रहे। इमरान 2007 में पहली बार आर्य नगर सीट से विधायक चुने गए। इसके बाद सीसामऊ विधानसभा सीट से लगातार 2012, 2017 और 2022 में जीते। निजी जीवन में 2003 में नसीम सोलंकी से विवाह किया। एक बेटा और दो बेटियां हैं। इरफान सोलंकी की रिहाई से कानपुर की सियासत में नई हलचल मचने की संभावना है।
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