रिपोर्ट-फैजी जाफरी
कौशाम्बी : जनपद में थाना सैनी क्षेत्र में दर्ज सामूहिक दुष्कर्म के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा करते हुए झूठा मुकदमा दर्ज कराने वाले चार लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक राजेश कुमार के निर्देशन में की गई निष्पक्ष विवेचना में यह मामला पूरी तरह मनगढ़ंत और षड्यंत्रपूर्वक दर्ज कराया गया पाया गया। बतादें कि दिनांक 27 सितंबर 2025 को ग्राम मनकापुर, सयारा मीठेपुर निवासी हीरामनी सरोज पत्नी मूलचंद्र ने पुलिस को तहरीर देकर आरोप लगाया था कि 26 सितंबर को बकरी चराकर घर लौटते समय ग्राम सयारा मीठेपुर निवासी जुबैर पुत्र मोइनबक्श और पप्पू पुत्र मुस्ताक ने उसे जबरन कार (UP 14 DV 5756) में डालकर सामूहिक दुष्कर्म किया। इस आधार पर थाना सैनी में मुकदमा संख्या 328/25 धारा 127(2)/70(1) बीएनएस के तहत पंजीकृत किया गया।
जांच में खुला झूठ का जाल...
पुलिस की विवेचना में शुरू से ही घटना संदिग्ध पाई गई। न तो 112 पर कोई कॉल की गई थी, न ही घटना की तत्काल सूचना थाना सैनी को दी गई। बाद में पुलिस कार्यालय में लिखित सूचना देकर और सोशल मीडिया पर प्रसारित कर मामला संवेदनशील बनाया गया। तकनीकी जांच में जुटी पुलिस टीम ने मोबाइल सीडीआर, टावर लोकेशन और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों के आधार पर पाया कि कथित आरोपियों की घटनास्थल पर उपस्थिति नहीं थी। जांच में सामने आया कि घटना के समय जुबैर अपने पांच वर्षीय बीमार पुत्र के इलाज के लिए करनपुर चौराहा स्थित निजी अस्पताल में मौजूद था।
जमीन विवाद बना षड्यंत्र की जड़...
जांच में यह भी सामने आया कि जुबैर और मोहम्मद हसन के बीच गाटा संख्या 1045 को लेकर वर्षों से विवाद चल रहा था। वर्ष 2011 में जुबैर ने अपनी मां अकबरून निशा के नाम हुसैनउद्दीन से बैनामा कराया था, जबकि मई 2025 में हसन ने उसी भूमि के कुछ हिस्से का बैनामा अपने नाम करा लिया। इसको लेकर न्यायालय में वाद भी विचाराधीन है।
इसी रंजिश के चलते हसन, हुसैन, फकीर बक्श उर्फ गुन्ना बाबा, अर्जुन व शेर मोहम्मद उर्फ शेरू ने मिलकर झूठे दुष्कर्म का मामला रचा।
पुलिस ने की निष्पक्ष कार्यवाही...
08 अक्टूबर 2025 को थाना सैनी पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर हीरामनी सरोज, मोहम्मद हसन, शेर मोहम्मद उर्फ शेरू, अर्जुन पुत्र बडेलाल को गिरफ्तार किया। पुलिस ने चारों अभियुक्तों को विधिक कार्यवाही के बाद न्यायालय भेज दिया।
साजिश में पांच लाख रुपये और जमीन का लालच...
पूछताछ में आरोपी हसन ने कबूल किया कि उसने जुबैर पर दबाव बनाने के लिए झूठा मुकदमा रचने की योजना बनाई थी। अर्जुन की चाची हीरामनी को इस षड्यंत्र में शामिल करने के लिए 5 लाख रुपये और एक बिस्वा जमीन का लालच दिया गया था। साथ ही यह भी बताया गया कि मुकदमा एससी/एसटी एक्ट में दर्ज कराकर 8.25 लाख रुपये मुआवजा हासिल करने की योजना थी।
कानूनी प्रावधान के तहत कार्यवाही...
पुलिस के अनुसार, बीएनएस की धारा 231 के तहत किसी व्यक्ति के विरुद्ध झूठा आरोप लगाना दंडनीय अपराध है। अभियुक्तों ने झूठा मुकदमा दर्ज कराकर निर्दोष व्यक्तियों को फंसाने की साजिश रची थी, जिस पर अब उनके विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।
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