ब्यूरो रिपोर्ट-सुरेश सिंह
कौशाम्बी जिले के चायल तहसील क्षेत्र के महमूदपुर मनौरी बाजार में बैंक ऑफ बड़ौदा का मिनी बैंक चलाने वाला बैंक मित्र सत्यम यादव लाखों रुपये लेकर फरार हो गया। इस घटना से सैकड़ों खाताधारकों को तगड़ा झटका लगा है। ग्रामीणों का आरोप है कि बैंक मित्र पिछले एक साल से अंगूठा लगवाकर उनके खातों से रुपये निकाल रहा था और पासबुक में एंट्री नहीं करता था। कई खाताधारकों का कहना है कि पैसे जमा करने पर वह रसीद तो देता था, लेकिन रकम उनके खातों में नहीं चढ़ती थी। जब लोग पासबुक अपडेट कराने जाते तो वह “सर्वर डाउन है” का बहाना बना देता। धीरे-धीरे ग्रामीणों को शक हुआ और 25 अगस्त से मिनी बैंक बंद होने के बाद मामला खुलकर सामने आया।
ग्रामीणों के मुताबिक आरोपी बैंक मित्र ने करीब 40 लाख रुपये का गबन किया है। पीड़ित लोग बुधवार को मोहम्मदपुर स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा पहुंचे और शाखा प्रबंधक को नाम, खाता संख्या व धोखाधड़ी की रकम का ब्योरा देते हुए एक पत्र सौंपा। खाताधारकों ने डीएम और एसपी कौशाम्बी से भी न्याय की गुहार लगाई है। गांव के तीरथ राम केसरवानी, आयुष केसरवानी, राखी सोनकर, नुसरत बेगम, लालती देवी, अंकित शर्मा, शिल्पी, गंगा प्रसाद, रवि केसरवानी, सुनीता देवी सहित कई पीड़ितों ने बताया कि उनके लाखों रुपये खातों से गायब हो गए हैं। व्यापार संगठन ने भी इस मामले में आवाज उठाई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह मामला आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (AEPS) के दुरुपयोग से जुड़ा है, जिसमें बैंक मित्र ग्राहक का अंगूठा लगवाकर उनकी जानकारी के बिना खाते से पैसे निकाल लेता है। ऐसे मामलों में बैंक मित्र की लापरवाही और बैंक की जिम्मेदारी दोनों तय होती है। फिलहाल, शाखा प्रबंधक ने मामले की जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया है। लेकिन एक माह से अधिक समय बीत जाने के बाद भी पीड़ित लोग न्याय के लिए दर-दर भटक रहे हैं।
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