Ticker

6/recent/ticker-posts

भानगढ़ किले का रहस्यमयी इतिहास, जहाँ सूरज ढलते ही इंसानों का प्रवेश वर्जित है...

ब्यूरो रिपोर्ट-सुरेश सिंह


अलवर : राजस्थान का अलवर जिला अपने ऐतिहासिक किलों, शाही विरासत और वीराना बयानों के लिए दुनिया भर में प्रसिद्ध है। इन्हीं के बीच अरावली की पहाड़ियों में बसा भानगढ़ किला आज भी भारत की सबसे रहस्यमय और डरावनी जगहों में शुमार है। इसकी ख्याति सिर्फ इसकी विरासत के कारण नहीं, बल्कि उन कथाओं के कारण है जो सदियों से इसे एक अनसुलझी पहेली बनाए हुए हैं। यही कारण है कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने इसके मुख्य प्रवेश द्वार पर स्पष्ट चेतावनी लगा दी है। सूर्यास्त के बाद और सूर्योदय से पहले भानगढ़ परिसर में प्रवेश पूर्णतः वर्जित और दंडनीय अपराध है। भानगढ़ किले का निर्माण लगभग 17वीं सदी में राजा माधो सिंह प्रथम ने करवाया था, जो आमेर के महान सेनापति मानसिंह के पुत्र थे। किला विशाल परिसर में फैला है जहाँ कई हवेलियाँ, नर्तकी महल, बाजार, मंदिर और आवासीय क्षेत्र मौजूद थे। कभी यह स्थान एक समृद्ध नगर था, लेकिन आज यह सिर्फ खंडहरों में तब्दील होकर रह गया है।

इतिहास और स्थापत्य, रत्नावती और तांत्रिक की कथा...

भानगढ़ के रहस्य की जड़ एक कथा से जुड़ी है। कहा जाता है कि यहां की राजकुमारी रत्नावती असाधारण सौंदर्य वाली थीं। एक तांत्रिक, जो काले जादू का अभ्यास करता था, रत्नावती पर मोहित हो गया। उसने राजकुमारी को वशीकरण के लिए जादुई तेल का प्रयोग किया, लेकिन रत्नावती ने उसकी चाल पहचान ली और तेल को पत्थर पर फेंक दिया। जादू के प्रभाव में पत्थर तांत्रिक की ओर लुढ़का और उसकी मृत्यु हो गई। अंतिम क्षणों में तांत्रिक ने पूरे भानगढ़ नगर को उजड़ने का श्राप दे दिया। कहा जाता है कि श्राप के कुछ ही समय बाद भानगढ़ पर अचानक दुखद घटनाएँ घटीं और पूरा नगर वीरान हो गया। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार यह क्षेत्र कभी दोबारा आबाद नहीं हो सका।

रहस्य और दहशत का माहौल, पर्यटन और सुरक्षा...

भानगढ़ के आसपास के गांव आज भी सूर्यास्त के बाद यहां से पूरी तरह दूर हो जाते हैं। लोगों का दावा है कि रात के समय खंडहरों से चीखने, संगीत बजने और कदमों की आवाजें सुनाई देती हैं। कई पर्यटक रात में प्रवेश करने की कोशिश कर चुके हैं, लेकिन ऐसी घटनाएं भी सामने आई हैं जहाँ लोग डर के मारे वापस लौट आए या मानसिक रूप से अस्वस्थ हो गए। हालांकि वैज्ञानिक दृष्टिकोण इन दावों को लोककथाएँ मानता है और इन्हें अंधविश्वास कहकर खारिज कर देता है, लेकिन तथ्य यह भी है कि सरकारी तौर पर भी यह स्थान रात में बंद रहता है, जो लोगों के संदेह और रोमांच दोनों को बढ़ाता है।

भानगढ़ का डर या इतिहास...

दिन में भानगढ़ किला एक आकर्षक पर्यटन स्थल है, जहाँ हर साल हजारों लोग आते हैं। इसके भीतर शिव मंदिर, बालाजी का मंदिर, गोपीनाथ मंदिर और बाजार की संरचनाएँ आज भी अपनी भव्यता का एहसास कराती हैं। ASI ने इसे संरक्षित स्मारक घोषित किया है और सुरक्षा के कड़े नियम लागू किए गए हैं। भानगढ़ की कहानी डरावनी इसलिए नहीं है कि यहाँ भूत-प्रेत होने के दावे किए जाते हैं। यह डर इसलिए है कि चार सौ साल बीत जाने के बाद भी यह नगर आज तक रात के समय बंद है। विज्ञान अपनी जगह है, किंतु इतिहास, मिथक और सरकारी आदेश मिलकर इस स्थान को रहस्य का ऐसा केंद्र बनाते हैं, जिसे समझना आज भी आसान नहीं।

Post a Comment

0 Comments