ब्यूरो रिपोर्ट-सुरेश सिंह
मुम्बई : बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेन्द्र को फ़िल्मफ़ेयर टैलेंट कॉन्टेस्ट से पहचान मिली जरूर, लेकिन शुरुआती दिनों में वे स्टूडियो दर स्टूडियो काम ढूंढते भटक रहे थे। एक दिन किसी फ़िल्म के लिए ऑडिशन देने लाइन में खड़े थे कि अचानक किसी का हाथ उनके कंधे पर पड़ा। धर्मेंद्र ने मुड़कर देखा तो सामने देव आनंद खड़े थे। देव साहब ने अपने चिर-परिचित अंदाज़ में कहा डोंट बी नर्वस यू टफ़ी… यू विल मेक इट। यू लुक गुड। कम ऑन, हैव लंच विद मी। देव आनंद उन्हें अपने साथ लंच पर ले गए। इस छोटे-से इशारे ने धर्मेंद्र के भीतर एक नया आत्मविश्वास भर दिया।
पहली बार देखा आईस बॉक्स, रातभर सो नहीं पाए धरम जी...
लंच के बाद जब धर्मेंद्र पानी पीने लगे तो देव साहब ने अपने आईस बॉक्स से ठंडा पानी दिया। धर्मेंद्र बोले थे मैंने जिंदगी में पहली बार आईस बॉक्स देखा था। उस रात मैं सो नहीं पाया था बस देव साहब के बारे में सोचता रहा। जैसे सपना हो। स्टार बनने के बाद भी धर्मेंद्र की एक ख्वाहिश हमेशा रही कि कभी देव आनंद के साथ फ़िल्म करें। 1979 में विजय आनंद ने ‘एक दो तीन चार’ नामक फ़िल्म की योजना बनाई थी, जिसमें धरम जी, देव साहब, ऋषि कपूर और शशि कपूर कास्ट किए गए थे। लेकिन यह फ़िल्म शुरू ही नहीं हो सकी।
धर्मेंद्र जी का 1996 में पूरा हुआ सपना, ‘रिटर्न ऑफ़ ज्वैल थीफ़...
लंबे इंतज़ार के बाद 1996 में धर्मेंद्र का सपना पूरा हुआ।
फ़िल्म ‘रिटर्न ऑफ़ ज्वैल थीफ़’ में धर्मेंद्र पुलिस कमिश्नर सूर्यदेव सिंह बने और देव साहब डबल रोल में दिखे। शूटिंग के दौरान देव साहब ने कहा था, धरम आज भी उतना ही शर्मीला है जितना पहले हुआ करता था।”
दो महान सितारे अब नहीं रहे...
वक्त के चलते 3 दिसंबर 2011 को देव आनंद दुनिया को अलविदा कह गए। और अब धर्मेंद्र भी इस दुनिया में नहीं हैं। लेकिन टफ़ी कहकर उनका हौसला बढ़ाने वाले देव साहब और उस मुलाक़ात की यादें हमेशा फ़िल्मी दुनिया में अमर रहेंगी।
0 Comments