ब्यूरो रिपोर्ट-सुरेश सिंह
लखनऊ : भारतीय फ़िल्म जगत के लिए वर्ष 2025 गहरे शोक और अपूरणीय क्षति का वर्ष साबित हो रहा है। हिंदी सिनेमा के महानायक, दर्शकों के प्रिय और करिश्माई अभिनेता धरम जी (धर्मेंद्र) के निधन की खबर ने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, आज सुबह उनकी तबियत अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद उनका देहांत हो गया। परिवार की ओर से आधिकारिक बयान अभी तक जारी नहीं हुआ है, लेकिन समाचार एजेंसी IANS ने यह दुखद सूचना साझा की है कि धरम जी इस नश्वर दुनिया को अलविदा कह चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक, उनका अंतिम संस्कार आज सुबह ही मुंबई में संपन्न हो गया। बड़े बेटे और अभिनेता सनी देओल ने अत्यंत भावुक माहौल में अपने पिता को मुखाग्नि दी। अंतिम संस्कार के दौरान फ़िल्म जगत की कई हस्तियाँ मौजूद रहीं। विशेष रूप से अमिताभ बच्चन और अभिषेक बच्चन धरम जी को अंतिम विदाई देने पहुंचे, जिन्होंने धरम जी के साथ वर्षों तक कई यादगार फ़िल्मों में काम किया था। उनके चेहरों पर दुख की गहरी लकीरें साफ पढ़ी जा सकती थीं। धरम जी का निधन फ़िल्म इंडस्ट्री के उस दौर में हुआ है, जब लगातार कई दिग्गज कलाकारों ने इस दुनिया को अलविदा कहा है। 2025 का यह साल बॉलीवुड के लिए एक के बाद एक दुखद समाचार लेकर आया है—कई दिग्गज अभिनेता, निर्देशक, गीतकार और तकनीक विशेषज्ञ काल कवलित हो चुके हैं। धरम जी की विदाई ने इस क्षति को और गहरा कर दिया है।
धरम जी का फ़िल्मी सफर...
धरम जी ने हिंदी सिनेमा को अनगिनत सुपरहिट और यादगार फ़िल्में दीं। उनका सफर 1960 के दशक में शुरू हुआ और उन्होंने अपनी दमदार अदाकारी, शालीन व्यक्तित्व और जज़्बाती संवाद अदायगी से करोड़ों दिलों में जगह बनाई। ‘शोले’, ‘चुपके-चुपके’, ‘सत्यकाम’, ‘धर्मवीर’, ‘शोला और शबनम’, ‘अनुपमा’, ‘गुड्डी’ जैसी फ़िल्में भारतीय सिनेमा की धरोहर मानी जाती हैं। धरम जी न सिर्फ़ एक अभिनेता थे, बल्कि एक बेहद संवेदनशील इंसान भी थे। वे अपने परिवार से बेहद लगाव रखते थे। बेटों सनी देओल और बॉबी देओल के अलावा उनकी पत्नी हेमा मालिनी और बेटियाँ ईशा व अहाना देओल उनके जीवन का केंद्र थीं।
देशभर में उनके प्रशंसक सोशल मीडिया पर शोक संदेश व्यक्त कर रहे हैं और पुराने वीडियो, डायलॉग, इंटरव्यू साझा करते हुए उन्हें याद कर रहे हैं। कई लोगों का कहना है कि धरम जी का जाना एक ऐसे युग के अंत जैसा है जिसमें अभिनय शालीनता, सादगी और ईमानदारी से भरपूर हुआ करता था। धरम जी की विदाई से न सिर्फ़ फ़िल्म इंडस्ट्री, बल्कि उनका हर प्रशंसक खुद को अनाथ-सा महसूस कर रहा है। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे और परिवार को इस असहनीय दुख को सहने की शक्ति प्रदान करे।
0 Comments