ब्यूरो रिपोर्ट-सुरेश सिंह
प्रयागराज : जनपद के विकास खंड भगवतपुर में ग्राम सचिवों ने अपनी लंबित समस्याओं एवं मांगों को लेकर 5 दिसंबर से 15 दिसंबर तक शांतिपूर्ण सत्याग्रह आंदोलन शुरू कर दिया है। सचिवों का कहना है कि ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग की सभी फ्लैगशिप योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू कराने में उनकी प्रमुख भूमिका है, लेकिन वर्तमान व्यवस्था में उन्हें अनेक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। आगे ग्राम सचिवों ने बताया कि शासन के आदेश संख्या 33-1-2025, दिनांक 03 नवम्बर 2025 के तहत ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली लागू की जा रही है, लेकिन यह प्रणाली ग्राम सचिवों के कार्य स्वरूप के बिल्कुल प्रतिकूल है। सचिवों ने बिंदुवार अपनी कठिनाइयाँ एवं सुझाव प्रस्तुत किए। सचिवों ने कहा कि एक सचिव के पास 4 से 9 ग्राम पंचायतों का प्रभार होता है। ऐसे में किसी एक स्थान पर निश्चित समय पर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करना संभव नहीं है। अन्य विभागों के ग्राम स्तरीय कर्मचारी जैसे लेखपाल, शिक्षक, कृषि सहायक आदि पर ऐसी बाध्यता नहीं है, इसलिए सभी के लिए समान व्यवस्था होनी चाहिए।
व्यक्तिगत मोबाइल पर थर्ड पार्टी ऐप, निजता का उल्लंघन...
शासन द्वारा प्रदान किए गए साधन नहीं होने के कारण सचिवों को अपने व्यक्तिगत मोबाइल और सिम का उपयोग करना पड़ता है, जिसमें उनकी निजी और बैंकिंग जानकारी सुरक्षित रहती है। ऐसे में किसी थर्ड पार्टी ऐप को फोन एक्सेस देना निजता के मौलिक अधिकार का उल्लंघन बताया गया। सचिवों ने कहा कि उनसे मनरेगा, आवास योजना, आजीविका मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, वित्त आयोग, पेंशन, परिवार रजिस्टर, फैमिली आईडी सत्यापन, पराली प्रबंधन, गौशाला प्रबंधन, सर्वे, स्टैटिक मजिस्ट्रेट ड्यूटी आदि 29 से अधिक विभागीय कार्य लिए जा रहे हैं। अत्यधिक लक्ष्य आधारित कार्य, बैठकें, चौपालें, रात्रिकालीन कार्यक्रम और आकस्मिक निरीक्षण के कारण नियमित कार्य करना कठिन हो गया है।
संसाधनों का है अभाव, वाहन भत्ता, मोबाइल भत्ता मिले...
अन्य विभागों की तरह ग्राम सचिवों को आज तक वाहन भत्ता, मोबाइल भत्ता या सीयूजी सिम उपलब्ध नहीं कराया गया, जबकि उनका कार्य पूर्णतः फील्ड आधारित है। शैक्षिक योग्यता बढ़ाने और वेतन मैट्रिक्स संशोधन की भी मांग की गई है ग्राम पंचायत अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी की न्यूनतम योग्यता इंटरमीडिएट है जो वर्तमान तकनीकी कार्यों के अनुरूप नहीं है। योग्यता को स्नातक किए जाने और वेतन मैट्रिक्स लेवल 5 निर्धारित किए जाने की मांग रखी गई। सहायक विकास अधिकारी (आईएसबी) एवं सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) को ग्रेड वेतन 2800, जबकि उन्हीं योग्यता वाले अन्य एडीओ पदों को 4200 ग्रेड वेतन दिया गया है। सचिवों ने इसे नैसर्गिक न्याय के विपरीत बताते हुए समान ग्रेड वेतन की मांग की।
जनपदों से दूर तैनाती की समस्या, वैकल्पिक व्यवस्था की मांग...
सचिवों ने बताया कि कई कर्मचारियों की तैनाती उनकी भाषा, संस्कृति और सामाजिक परिवेश से विपरीत जिलों में की जा रही है, जिससे कार्यकुशलता प्रभावित होती है। उन्हें स्थानीय क्षेत्रों में तैनाती देने की मांग की गई। ऑडिट आपत्तियों का निस्तारण वर्षों से लंबित है। सचिवों ने सुझाव दिया कि ग्राम पंचायतों की ऑडिट अब चार्टर्ड अकाउंटेंट या सोशल ऑडिटर से भी कराई जा सके। सचिवों ने शासन से कहा है कि जब तक समुचित संसाधन उपलब्ध न हो जाएँ।
ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली स्थगित की जाए...
ऑनलाइन उपस्थिति प्रणाली तात्कालिक रूप से स्थगित की जाए। सचिवों के प्रतिनिधिमंडल से संवाद स्थापित कर तर्कसंगत और व्यावहारिक समाधान निकाला जाए। उनका कहना है कि यह कार्रवाई ग्रामीण योजनाओं के कुशल क्रियान्वयन में किसी प्रकार की बाधा न बने, बल्कि कर्मचारियों की कार्यक्षमता और पारदर्शिता बढ़ाने में सहायक हो। इस दौरान अमरेन्द्र कुमार पाल, अमरेश जायसवाल, दिनेश कुमार, लवलेश कुमार पांडेय, शरद कुमार, गुलाब कुमार, पूनम, कामिनी सिंह, दिलीप कुमार, संतोष कुमार, श्रेया जायसवाल, सीमा सिंह सहित अनेक सचिव आंदोलन स्थल पर उपस्थित रहे।
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